Ustad Zakir Hussain Passes Away : मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का अमेरिका में निधन

Ustad Zakir Hussain Passes Away: मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में रविवार (15 दिसंबर, 2024) को अमेरिका में निधन हो गया।

Newstrack :  Network
Update:2024-12-15 22:07 IST

Ustad Zakir Hussain Passes Away: मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में रविवार (15 दिसंबर, 2024) को अमेरिका में निधन हो गया। बताया जा रहा है कि हृदय संबंधी समस्याओं के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था। इस खबर की पुष्टि उनके करीबी दोस्त बांसुरी वादक राकेश चौरसिया ने की।

उन्होंने बताया कि जाकिर हुसैन पिछले एक सप्ताह से हृदय संबंधी समस्या के लिए सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में इलाज करा रहे थे। बताया जा रहा है कि वह कई वर्षों से हृदय संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे और लगभग दो साल पहले ब्लॉकेज के कारण उन्हें स्टेंट प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ा था।

राजस्थान के कैबिनेट मंत्री राजवर्धन सिंह राठौड़ ने उस्ताद ज़ाकिर हुसैन के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, उस्ताद ज़ाकिर हुसैन की तबले पर असाधारण महारत ने संगीत की दुनिया में एक कालातीत विरासत बनाई है। उनके परिवार, दोस्तों और उन अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ, जिनके जीवन को उन्होंने अपनी कला से छुआ। उनकी लय हमेशा हमारे दिलों में गूंजती रहेगी।

बता दें कि तबला वादक जाकिर हुसैन, महान तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा खान के बेटे हैं। जाकिर हुसैन ने सात साल की उम्र से ही तबले की थाप देनी शुरू कर दी थी। जब वह 12 साल के हुए तब देश के कई हिस्सों में तबला वादन कर रहे थे। अपने पूरे करियर के दौरान उन्होंने भारतीय शास्त्रीय और विश्व संगीत दोनों में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने अपने असाधारण तबला कौशल का प्रदर्शन करते हुए कई भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों को संगीत दिया है। संगीत की दुनिया में उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी है।  

कई पुरस्कारों से किया गया था सम्मानित

करीब चार दशक पहले वह अपने परिवार के साथ सैन फ्रांसिस्को चले गए थे। यहां उन्होंने वैश्विक संगीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना जारी रखा। उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। भारत सरकार ने 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण सम्मानित से सम्मानित किया था। इससे पहले 1990 में संगीत क्षेत्र में दिए जाने वाले सर्वोच्च 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया था। वैश्विक स्तर पर 2009 में 51वें ग्रैमी अवार्ड्स जीता। ग्रैमी अवार्ड्स के लिए उन्हें सात बार नामांकित किया गया था, जिनमें से चार बार उन्होंने जीते थे।

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