लखनऊ : इनका परिचय तो बस दो लाइन से ही दे सकते है वाह ताज बोलिए उस्ताद अब आप तो समझ गए होंगे इंडिया के फेमस तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन की बात कर हे हैं। वे तबला और संगीत दोनों ही क्षेत्रो के अंतरराष्ट्रीय महारथी हैं। उनके की थाप की पूरी दुनिया मुरीद है। जब भी वे तबला बजाते थे तो उससे निकलने वाले संगीत और धुन से काफी अंतर्बोध होता था। वे पूरी निपुणता से अपना प्रदर्शन करते रहे हैं। उनके तबले की धुन से लोगों के दिल को छू जाती है।
वीडियों में देखिए जाकिर के तबला का जादू
जाकिर का बचपन
इनका जन्म तबला वादक उस्ताद अल्ला रखा घर 9 मार्च 1951 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट माइकल हाई स्कूल, महिम से ग्रहण की और सेंट ज़ेवियर कॉलेज, मुंबई से वे ग्रेजुएट हुए। वे बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। 3 साल की आयु से ही उनके पिता उन्हें पखावज पढ़ाने लगे थे। छोटी सी उम्र से ही वे यात्रा करने लगे थे। 1970 में वे अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू करने के उद्देश से यूनाइटेड स्टेट गये थे। 12 साल की उम्र से ही ज़ाकिर ने संगीत की दुनिया में अपने तबले की आवाज़ का जादू बिखेरना शुरू कर दिया था।
बचपन का सफर
1973 में उनका एलबम लिविंग इन द मेटेरियल वर्ल्ड आया था जिसे अच्छा रिस्पांस मिला था। उसके बाद वे 2007 तक कई समारोह में अपने तबले का जादू बिखरते रहे है और दुनिया को संगीत का दीवाना बना दिया।1988 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया । ये पुरस्कार पाने वाले वे सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे। उन्हें 2002 में संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मभूषण से नवाजा गया। 1992 और 2009 में संगीत का प्रतिष्ठित ग्रैमी अवार्ड से नवाजा गया ।
फिल्मोंमें दिया योगदान
मलयालम फिल्म वनाप्रस्थ में उन्होंने संगीत दिया था। 1999 के एएफआई लॉस एंजिल्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म का ग्रैंड जूरी पुरस्कार के लिए नामांकन हुआ था, लेकिन 2000 में उन्हें इस्तानबुल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में पुरस्कार जरुर दिया गया। बाद में 2000 में ही मुंबई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और 2000 में ही नेशनल फिल्म अवार्ड्स भी उन्होंने जीते। बहुत सी फिल्मों के लिए उन्होंने गाने भी गाए और संगीत भी दिया है। सिर्फ इतना ही नही, यहां तक की उनकी तबले की धुन का प्रयोग लिटिल बुद्धा जैसी फिल्मो में भी किया गया है।
Zakir Hussain
अपनी मैनेजर से की शादी
जाकिर ने अन्टोनिया मिन्नेकोला के साथ शादी की, जो कत्थक नर्तकी और शिक्षिका थी, साथ ही वह जाकिर की मैनेजर भी थी। उनकी दो बेटिया भी है, अनीसा कुरैशी और ल्सबेल्ला कुरैशी। जाकिर 2005-06 में प्रिन्सटन यूनिवर्सिटी के म्यूजिक डिपार्टमेंट के प्रोफेसर भी रह चुके है और साथ ही वे स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी के विजिटिंग प्रोफेसर भी रह चुके है। वर्तमान में वे सेन फ्रांसिस्को में रहते है।