काशी आने में लगा दिए 64 साल, ऊषा मंगेशकर को मिलेगा 'चराग-ए-दैर'

Update: 2016-02-20 17:03 GMT

वाराणसी: 1952 के बाद मंगेशकर परिवार का कोई सदस्य काशी आया है। शनिवार को स्वर कोकिला लता मंगेशकर की छोटी बहन ऊषा मंगेशकर काशी पहुंची। काशी भ्रमण के बाद गंगा आरती में भी शामिल हुईं। काशी यात्रा से ऊषा मंगेशकर काफी खुश थीं।

ऊषा मंगेशकर होटल रमांडा में ठहरी हैं। उनकी यात्रा को लेकर काफी सावधानी बरती गई थी। लेकिन दोपहर बाद उनके आते ही शाम तक मीडिया को भनक लग गई। शाम को ऊषा मंगेशकर ने गंगा आरती देखी। इस बीच जब लोगों ने अपने बीच ऊषा मंगेशकर को देखा तो वह अचरज में पड़ गए।

'चराग-ए-दैर' से होंगी सम्मानित

ऊषा मंगेशकर को 21 फरवरी को 'अंक के चरागेे दैर' से सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए होटल रमांडा में तैयारी अंतिम चरण में है। वर्ष 2011 से अंक संस्था यह एवार्ड किसी नामचीन हस्ती को देती आयी है। यह अवॉर्ड का पांचवा साल है। हिन्दी और भोजपुरी फिल्मों में गाना गाने पर ही ऊषा मंगेशकर को पुरस्कार दिया जा रहा है।

अभिनेत्री मधुबाला की बहन को भी सम्मान

रुपहले पर्दे की प्रसिद्ध अभिनेत्री मधुबाला के आध्यात्मिक सौंदर्य और नारी शक्ति को समर्पित सम्मान 'मधुबाला एलिगेंट ब्यूटी अवॉर्ड' मधुबाला की छोटी बहन और लेखिका मधुर बृजभूषण तथा डालिम्स सनबीम समूह की निदेशक पूजा मधोक को दिया जाएगा।

- 1952 में मंगेशकर परिवार के सदस्य आए थे काशी।

- इसके बाद अब तक मंगेशकर परिवार का कोई सदस्य काशी नहीं आया था।

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