दिल्ली में कोरोना Third Wave का खतरा कम, लोगों में बन चुकी है हर्ड इम्यूनिटी

दिल्ली में कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी बन चुकी है। करीब 66 फीसदी आबादी को टीके की पहली खुराक भी लग गई है। इससे किसी नए वैरिएंट के न होने से अब अगली लहर का खतरा भी कम हो गया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2021-09-03 02:32 GMT

दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा कम। (Social Media)

New Wave Of Corona In Delhi: दिल्ली में कोरोना की नई लहर की संभावना फिलहाल कम है। अभी डेल्टा वैरिएंट पूरी दुनिया में फैल रहा है और तीसरी लहर की वजह बन रहा है। यह वैरिएंट पिछली लहर में फैल चुका था, इसलिए इसका दिल्ली में असर कम होगा।

राजधानी में पिछले 45 दिन से कोरोना का ग्राफ स्थिर है। दैनिक मामले 100 से नीचे हैं और संक्रमण दर भी 0.15 प्रतिशत से कम बनी हुई है। इस समय देश में संक्रमण के जितने मामले आ रहे हैं उनमें दिल्ली के महज 0.10 फीसदी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि राजधानी में कोरोना के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी बन चुकी है। करीब 66 फीसदी आबादी को टीके की पहली खुराक भी लग गई है। इससे लंबे समय से वायरस से हालात नियंत्रण में हैं। टीकाकरण की बढ़ती रफ्तार और किसी नए वैरिएंट के न होने से अब अगली लहर का खतरा भी कम हो गया है।


करीब तीन महीने से संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी नहीं

दिल्ली में पिछले साल कोरोना की शुरुआत के बाद ऐसा पहली बार है कि जब करीब तीन महीने से संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। वायरस के सभी मानक नियंत्रण में हैं। रोजाना औसतन 75 हजार जांच होने पर भी अब सिर्फ औसतन 37 मामले रोजाना आ रहे हैं। सक्रिय मरीज भी 400 से कम रह गए हैं।

दूसरी लहर में जो दैनिक मामले 28,395 तक पहुंच गए थे वह पिछले महीने 17 तक खिसक गए थे। मौत के मामले जो 400 पार पहुंच गए थे अब एक तक सिमट गए हैं। 45 दिन से दैनिक मामले 100 से कम बने हुए हैं और संक्रमण दर भी 0.10 फीसदी से कम है। पिछले साल कोरोना की शुरुआत के बाद ऐसा पहली बार है जब करीब 2 माह से वायरस में स्थिरता बनी हुई है। 

दिल्ली में रोजाना 70 हजार से ज्यादा लोगों की हो रही जांच: डॉ. जुगल किशोर

दिल्ली के मौजूदा हालात पर सफदरजंग अस्पताल के कम्यूनिटी मेडिसन विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर जुगल किशोर का कहना है कि दिल्ली में रोजाना 70 हजार से ज्यादा लोगों की जांच हो रही है। इसके बावजूद मामलों में कोई इजाफा नहीं हो रहा है। इसका मतलब यह है कि अब संक्रमित होने के लिए कुछ ही लोग बचे हैं। दूसरी लहर के दौरान ही करीब 90 फीसदी आबादी कोरोना से संक्रमित हो चुकी है। लिहाजा, यहां संक्रमण के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी विकसित हो गई है। यही कारण है कि वायरस का प्रसार नहीं हो रहा है और लंबे समय से हालात अच्छे बने हुए हैं।

डॉ. किशोर का कहना है कि मौजूदा समीकरणों को देखते हुए दिल्ली में तीसरी लहर नहीं आएगी। करीब 66 फीसदी आबादी को पहली खुराक भी लग चुकी है। इसके अलावा कोई नया स्ट्रेन भी नहीं आया है। उन्होंने कहा कि अगली लहर तभी आ सकती है जब कोई ऐसा स्ट्रेन आए जो वैक्सीन से बनी इम्यूनिटी को चकमा दे और उसका प्रसार तेजी से हो। 


कोरोना महामारी को हल्के में ना ले लोग

लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉक्टर सुरेश कुमार का कहना है कि दिल्ली में तेज गति से टीकाकरण हो रहा है। कोरोना जांच भी रिकॉर्ड स्तर पर की जा रही है। साथ ही संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन भी सख्ती से हो रहा है। यह तीन कारण हैं कि लंबे समय से कोरोना से हालात नियंत्रण में हैं। डॉ. सुरेश ने कहा कि मौजदूा समय में वायरस बेदम है और उम्मीद है की लंबे समय तक यही स्थिति रहेगी। हालांकि, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि अगली लहर नहीं आ सकती। यह सब कुछ वायरस में हो रहे बदलावों पर निर्भर करेगा। इसलिए जरूरी है कि लोग महामारी को हल्के में न ले और नियमों का पालन करते रहें। 

45 दिन में संक्रमण के महज 2321 मामले

राजधानी में बीते 45 दिन में संक्रमण के महज 2321 मामले आए हैं। इस दौरान दैनिक संक्रमितों की संख्या 100 से नीचे रही है। इन आंकड़ों की तुलना दूसरी लहर से करें तो तब रोजाना औसतन 25 हजार मामले आ रहे थे। अब यह संख्या 51 रह गई है। तब 250 से अधिक मौतें रोज हो रही थी। अब यह आंकड़ा एक का है। संक्रमण दर की बात करें तो यह भी 0.10 फीसदी से कम बनी हुई है। 

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