21 साल पुराने अलकतरा घोटाले में राजद नेता सहित 5 साक्ष्यों के अभाव में बरी

Update: 2017-05-24 15:36 GMT

पटना : बिहार के चर्चित अलकतरा घोटाले में बुधवार को सीबीआई की एक अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक और पूर्व मंत्री इलियास हुसैन को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। पटना में सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश सर्वजीत ने सुपौल जिले के करीब 21 साल पुराने मामले में हुसैन सहित पांच अन्य लोगों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया।

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बचाव पक्ष के वकील पी़ पी़ सिंह ने कहा, "इस मामले में कुल छह लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसमें से हुसैन, पथ निर्माण विभाग के तीन अधिकारी मोहम्मद मुर्तजा अहमद, शोभा सिन्हा, रामाधार ठाकुर और ट्रांसपोर्टर(परिवाहक) प्रवीण को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया।"

उल्लेखनीय है कि यह मामला 1994-95 में सुपौल जिले से जुड़ा है, जहां 39 लाख रुपये का अलकतरा घोटाला सामने आया था। इस मामले में पूर्व पथ निर्माण मंत्री इलियास हुसैन सहित छह लोग आरोपी बनाए गए थे।

वकील ने बताया कि अदालत ने पूर्व मंत्री इलियास समेत पांच लोगों को साक्ष्यों के अभाव में इस मामले से बरी किया है। इसके पूर्व कोलकता के एक ट्रांसपोर्टर को इस मामले में सजा सुनाई गई थी।

आरोप था कि पश्चिम बंगाल के हल्दिया से मोतिहारी के लिए चले अलकतरे का पदाधिकारियों की मिलीभगत से घोटला किया गया था। राज्य में सड़क निर्माण में प्रयोग में आने वाले करोड़ों रुपये का अलकतरा घोटाला हुआ था, जिसके अलग-अलग मामले चल रहे हैं।

पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर 1997 में इस मामले को सीबीआई को सौंपा गया था। इस मामले को लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

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