नई दिल्लीः यूपी में 23 जुलाई से हुई बस यात्रा और शुक्रवार को लखनऊ के रमाबाई मैदान में राहुल गांधी के साथ हुए कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम से उत्साहित कांग्रेस ने अब बस यात्रा के दूसरे दौर की तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश कांग्रेस सूत्रों के अनुसार यात्रा के दूसरे और तीसरे दौर की तारीखों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बारिश के बावजूद पूरे यूपी में कांग्रेस की गतिविधियों को हर रोज तेज किया जा रहा है। 12 अगस्त को संसद का मानसून सत्र खत्म होते ही बस यात्रा के दूसरे दौर का ऐलान हो सकता है।
नेताओं को आलाकमान के निर्देश
टीम राहुल के एक सूत्र के मुताबिक हाल में नए बनाए गए प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर और उनके साथ नियुक्त सभी पार्टी उपाध्यक्षों को अपने-अपने इलाकों में हर रोज कांग्रेस की गतिविधियों को जनता की भागीदारी से तेज करने को कहा गया है। टिकटों और पद चाहने वाले बाकी नेताओं से कहा गया है कि वे अपने-अपने इलाकों में जनता के बीच लगातार मौजूद रहें। साथ ही जनसरोकारों से नियमित तौर पर जुड़ें। यूपी के हरेक क्षेत्र के पार्टी नेताओं को यह भी कहा गया है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की सभाओं और रोड शो का जो भी प्लान उनके पास हो, उसके बारे में वे प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के नव नियुक्त उपाध्यक्षों से मिलकर प्रस्ताव रखें। राज्य इकाई तीनों प्रमुख नेताओं के कार्यक्रमों का पूरा खाका बनाएगी। ताकि बिना किसी देर के उन क्षेत्रों में पार्टी के रोड शो, जनसभाएं हो सकें। पार्टी स्थानीय मुद्दों को लेकर आंदोलन की समानांतर रूप रेखा बनाने की भी तैयारी में जुटी है।
सोनिया होंगी यूपी में सक्रिय
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अब नियमित तौर पर यूपी में अमेठी और रायबरेली के बाहर भी सक्रिय दिखेंगी। इसकी शुरुआत दो अगस्त से होगी। सोनिया 2 अगस्त को पूरा दिन मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बिताएंगी और वहां आम जनता से उनका सीधा संवाद होगा। टीम राहुल मानती है कि यूपी में कांग्रेस के सांगठनिक तौर पर कमजोर होने के बाद भी लोग जिस तरह पार्टी की सभाओं में उमड़ रहे हैं, उससे साफ तौर पर यही संदेश गया है कि लोग राज्य में सपा, बीएसपी और बीजेपी का शासन नहीं देखना चाहते और कांग्रेस ही उनके मन में उम्मीद की नई किरण है। कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने 25 जुलाई को पहली बस यात्रा खत्म होने के मौके पर कार्यकर्ताओं से यही अपील की थी कि यूपी में कांग्रेस धर्म और जातियों की राजनीति से ऊपर उठकर काम कर रही है।
शीला को राहुल ने किया आगे
कांग्रेस की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित को लेकर भले ही कुछेक हलकों में सवाल उठे हों, लेकिन राहुल गांधी ने लखनऊ में कार्यकर्ताओं को दो टूक कह दिया कि शीला के पास दिल्ली में 15 बरस के दौर में एक सफल मुख्यमंत्री का अनुभव है और पार्टी को यूपी में उनके जैसे गहरे अनुभव वाले मुख्यमंत्री की सख्त जरूरत है। बकौल राहुल, पार्टी में अनुभव और युवा जोश का सामंजस्य जरूरी था तथा शीला को सोच समझकर सीएम फेस बनाया गया है।
पंजाब के साथ यूपी पर भी फोकस
कांग्रेस के लिए भले ही पंजाब में सत्ता में वापस आना सबसे बड़ी जरूरत है क्योंकि वहां लगातार 10 साल से पार्टी सत्ता से बाहर है लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना कि अब पंजाब के साथ ही यूपी पर बराबर का फोकस है। युवाओं व छात्रों को कांग्रेस के साथ जोड़ने पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है। इसके लिए सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को कांग्रेस से जोड़ने व सीधे राहुल गांधी से संवाद करने का रोडमैप तैयार हो रहा है।
फाइल फोटोः कांग्रेस की बस यात्रा में शीला दीक्षित और गुलाम नबी आजाद