Jharkhand ED Raid: लगातार तीसरे दिन ईडी की छापेमारी, ग्रामीण विकास विभाग के ऑफिस में रेड

Jharkhand ED Raid: झारखंड में ईडी लगातार तीसरे दिन छापेमारी कर रही है। आज जांच एजेंसी ग्रामीण विकास विभाग के दफ्तर पहुंची है।

Report :  Aniket Gupta
Update: 2024-05-08 10:13 GMT

Jharkhand ED Raid: झारखंड में ईडी लगातार छापेमारी कर रही है। तीसरे दिन की छापेमारी में ईडी आज यानी बुधवार को झारखंड मंत्रालय स्थित ग्रामीण विकास विभाग के दफ्तर पहुंची है। ग्रामीण विकास विभाग के दफ्तर में ईडी की तलाशी जारी है, वहां मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल का कार्यालय है। बता दें, ईडी की छापेमारी के दौरान संजीव लाल भी साथ में मौजूद हैं।

ईडी की छानबीन जारी

जानकारी के अनुसार, जांच एजेंसी के अधिकारी ग्रामीण विकास विभाग के सभी टेंडर से जुड़े दस्तावेजों को खंगाल रहे हैं। संजीव लाल के माध्यम से होने वाले सभी कार्यों, निपटाए गए फाइलों की छानबीन चल रही है। बता दें, छापेमारी के दौरान ग्रामीण विकास विभाग के किसी भी कर्मचारियों को बाहर जाने की इजाजत नहीं है। सभी ऑफिस में ही मौजूद हैं।

कार्यालय के बाहर सीआरपीएफ जवान मौजूद

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ग्रामीण विकास विभाग के ऑफिस के बाहर सीआरपीएफ के कई जवान तैनात हैं। ईडी की इस कानूनी प्रक्रिया के दौरान बाहर से किसी को भी प्रवेश न देने के आदेश हैं। फिलहाल, ग्रामीण विकास विभाग अभी पूरी तरह से ईडी के कब्जे में है और तलाशी चल रही है।

सोमवार को ग्रामीण विकास मंत्री के निजी सचिव के यहां छापेमारी

बीते 6 मई को ईडी ने झारखंड के रांची में कई जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के नौकर के घर ईडी ने भारी नकदी जब्त किया। बता दें, सोमवार को ईडी ने कुल 6 जगहों पर छापेमारी की थी। जिसमें कुल 35.23 करोड़ रुपये कैश बरामद किए गए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बैंक अधिकारी मौके पर नोट गिनने वाली मशीनें लेकर पहुंचे थे और छापे के बाद से ही नोटों की काउंटिंग चल रही थी।

ईडी ने झारखंड सरकार को लिखी थी चिट्ठी

बता दें, फरवरी 2023 में ईडी ने कुछ योजनाओं के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य इंजीनियर वीरेंद्र के. राम को गिरफ्तार किया था। सूत्रों के अनुसार, ईडी ने झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर प्रदेश सरकार को प्राइवेट चिट्ठी लिखी थी और इस मामले में FIR दर्ज करने को कहा था। मीडिया में किए जा रहे दावों के अनुसार, इन पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई बल्कि इन भ्रष्ट अधिकारियों के साथ पत्र साझा किए गए। नकदी बरामदगी के साथ ऐसा ही एक पत्र मिला है।

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