सिर्फ 'कुंवारी लड़कियों' को ही कॉलेज में एडमिशन, शादीशुदा महिला के कारण भटकता है ध्यान

तेलंगाना सरकार ने एक अजीबो गरीब फरमान जारी किया है। तेलंगाना सरकार ने कहा कि अब सिर्फ अविवाहित महिला कैंडिडेट को ही कॉलेजों में एडमिशन मिल सकता है।

Update: 2017-03-02 04:11 GMT
तेलंगाना: सिर्फ 'कुंवारी लड़कियों' को ही कॉलेज में एडमिशन, शादीशुदा महिला के कारण भटकता है ध्यान

हैदराबाद : तेलंगाना सरकार ने एक अजीबो गरीब फरमान जारी किया है। तेलंगाना सरकार ने कहा कि अब सिर्फ अविवाहित महिला कैंडिडेट को ही राज्य के समाज कल्याण रेजिडेंशियल डिग्री कॉलेजों में एडमिशन मिल सकता है। सरकार ने अपने इस फरमान के लिए तर्क दिया है कि शादीशुदा महिला कॉलेजों में भटकाव पैदा करती हैं। जिससे दूसरों का पढ़ाई से ध्यान हट जाता है। सरकार के इस नोटिफिकेशन का सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है।

राज्य में 23 रेजिडेंशियल डिग्री कॉलेज

-तेलंगाना सोशल वेलफेयर रेजिडेंशियल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स सोसायटी ने यह आदेश दिया है।

-यह नियम एक साल के लिए है और रेजिडेंशियल कॉलेजों में 4000 महिलाएं पढ़ रही हैं।

-जो आगामी एकेडमिक इयर में दूसरे साल में जाएंगी।

-एकेडमिक इयर 2017-18 में बीए, बीकॉम, बीएससी-फर्स्ट ईयर के लिए अविवाहित महिला कैंडिडेट आवेदन कर सकती हैं।

-तेलंगाना राज्य में 23 रेजिडेंशियल डिग्री कॉलेज हैं।

-जिसमें 280 स्टूडेंट्स की व्यवस्था है।

-यहां स्टूडेंट्स को एजुकेशन से लेकर फूड तक फ्री में दिया जाता है।

आगे की स्लाइड में पढ़ें क्या है सोसायटी का मकसद ...

क्या है सोसायटी का मकसद

-सोसायटी के सेक्रेटरी आरएस प्रवीन के मुताबिक, रेजिडेंशियल कॉलेजों का मकसद यह था कि चाइल्ड मैरिज को रोका जा सके।

-यही कारण है कि हम शादीशुदा लड़कियों को प्रमोट नहीं करते।

-उन्होंने यह बात भी कि कही अगर कोई शादीशुदा महिला एडमिशन के लिए संपर्क करती हैं तो उन्हें मना नहीं किया जाएगा।

-लेकिन यह बात नोटिफिकेशन से मैच नहीं करती।

.... पति भी कॉलेज विजिट करते हैं

सोसायटी के कंटेंट मैनेजर वेंकट राजू के मुताबिक, ऐसा नोटिफिकेशन इसलिए जारी किया गया क्योंकि शादीशुदा महिला कैंडिडेट्स को एडमिशन देने पर उनके पति भी कॉलेज विजिट करते हैं। इससे बाकी (अविवाहित महिला कैंडिडेट्स) का ध्यान भटक जाता है।

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