सिंगूर मामला: SC के फैसले से ममता बनर्जी खुश, बोलीं- अब मैं शांति से मर सकूंगी

Update: 2016-08-31 12:23 GMT

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक अहम फैसले में टाटा कंपनी को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को आदेश दिया है कि वो 12 हफ्तों के भीतर सिंगूर में टाटा नैनो की फैक्ट्री के लिए अधिग्रहित 1000 एकड़ ज़मीन को जमीन मालिकों को वापस कर दे। इस फैसले के आने के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, कि 'मुझे इस फैसले का इंतजार था अब मैं शांति से मर सकूंगी।'

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक जमीन के मालिकों से मुआवजा भी वापस नहीं लिया जाएगा। कोर्ट का कहना है कि उनसे ज़मीन लेकर उनकी आजीविका को 10 सालों तक अधर में लटकाया गया था।

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सीपीएम सरकार के फैसले को गलत बताया

सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन सीपीएम सरकार के फैसले को गलत बताया और कहा कि 997 एकड़ की जिस जगह का अधिग्रहण सरकार ने टाटा के नैनो प्लांट के लिए किया था वो सही नहीं था। सरकार ने अपनी शक्तियों का ग़लत इस्तेमाल कर निजी पक्ष को फायदा पहुंचाया।

ममता ने जताई खुशी

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि 'मैं लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही थी और अब मैं शांति से मर सकती हूं।' उन्होंने यह भी कहा कि मुझे उन सभी लोगों के बारे में याद है जो इस लड़ाई में लड़े। सिंगूर लैंड डील मामले में सीएम ने एक बैठक भी बुलाई।

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फैसले में क्या कहा कोर्ट ने ?

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के साथ ही इस केस में दिए गए कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को भी रद्द कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने साफ कहा कि इस भूमि अधिग्रहण में कई खामियां पाई गई हैं। भूमि अधिग्रहण कलेक्टर ने जमीनों के अधिग्रहण के बारे में किसानों की शिकायतों की उचित तरीके से जांच नहीं की थी। कोर्ट ने लेफ्ट सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें समझना चाहिए था कि किसी कंपनी के लिए राज्य द्वारा भूमि का अधिग्रहण सार्वजनिक उददेश्य के दायरे में नहीं आता।

सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन बुद्धदेब भट्टाचार्य सरकार पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार ने सत्ता के साथ फ्रॉड किया। सुप्रीम कोर्ट ने अब किसानों को उनकी ज़मीन लौटाने के लिए 12 हफ्ते का वक्त दिया है।

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