आधार पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने खुद को किया अलग
सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ ने बुधवार (17 मई) को उस याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिसमें मिड डे मिल और विकलांग पेंशन सहित विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करने को लेकर सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाओं को चुनौती दी गई है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ ने बुधवार (17 मई) को उस याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिसमें मिड डे मिल और विकलांग पेंशन सहित विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करने को लेकर सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाओं को चुनौती दी गई है।
जस्टिस एल.नागेश्वर राव और जस्टिस नवीन सिन्हा की बेंच ने शांता सिन्हा और कल्याणी सेन मेनन की याचिका की सुनवाई से खुद को अलग करते हुए कहा कि जस्टिस एल.नागेश्वर राव मामले में सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हो चुके हैं, जब वह अतिरिक्त महाधिवक्ता थे।
मामले की सुनवाई से खुद को अलग करते हुए अवकाश पीठ ने कहा कि मामले को सुनवाई के लिए एक उपयुक्त पीठ के समक्ष रखा जाएगा।
वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने जब कोर्ट से याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया, तो 12 मई को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जगदीश सिंह खेहर के नेतृत्व वाली एक संवैधानिक पीठ ने याचिकाकर्ता को 17 मई को एक अवकाश पीठ के पास जाने के लिए कहा था।
सिन्हा और मेनन ने तर्क दिया है कि आधार अधिनियम के तहत इसे बनवाना अपनी इच्छा पर निर्भर करता है, लेकिन फरवरी से लेकर 12 मई तक 17 अधिसूचनाओं में सरकार ने इसे अनिवार्य करने का आदेश जारी किया है।
--आईएएनएस