जीवन मंत्र : स्वास्तिक चिन्ह बनाने से होते हैं शुभ व मंगल प्रभाव

Update:2018-02-23 16:22 IST

हिन्दू धर्म परंपराओं में हर मांगलिक, धार्मिक या नए काम की शुरुआत स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर की जाती है। स्वास्तिक शुभ व मंगल का प्रतीक माना जाता है। धर्मशास्त्रों में स्वस्तिक चिन्ह बनाने और शुभ होने के पीछे खास कारण बताए गए हैं। दरअसल, शास्त्रों में स्वास्तिक विघ्रहर्ता व मंगलमूर्ति भगवान श्री गणेश का साकार रूप माना गया है। स्वास्तिक का बायां हिस्सा 'गं बीजमंत्र होता है, जो भगवान श्री गणेश की शक्ति व स्थान माना जाता है। इसमें, जो चार बिन्दियां होती हैं, उनमें गौरी, पृथ्वी, कूर्म यानी कछुआ और अनन्त देवताओं का वास माना जाता है।

विश्व के प्राचीनतम ग्रंथ वेदों में भी स्वास्तिक के श्री गणेश का स्वरूप होने की पुष्टि होती है। हिन्दू धर्म की पूजा-उपासना में बोले जाने वाले वेदों के शांति पाठ मंत्र में भी भगवान श्री गणेश का स्वास्तिक रूप में स्मरण किया गया है। यह शांति पाठ है -

'स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवा: स्वस्ति न: पूषा विश्ववेदा:

स्वस्तिनस्ता रक्षो अरिष्टनेमि: स्वस्ति नो बृहस्पर्तिदधातु ॥

इस मंत्र में चार बार आए 'स्वस्ति शब्द चार बार मंगल और शुभ की कामना से श्री गणेश का ही ध्यान और आवाहन है।

असल में, स्वास्तिक बनाने के पीछे व्यावहारिक दर्शन यही है कि जहां माहौल और संबंधों में प्रेम, प्रसन्नता, श्री, उत्साह, उल्लास, सद्भाव, सौंदर्य, विश्वास, शुभ, मंगल और कल्याण का भाव होता है, वहीं श्री गणेश का वास होता है और उनकी कृ पा से अपार सुख और सौभाग्य प्राप्त होता है। चूंकि श्री गणेश विघ्नहर्ता हैं, इसलिए ऐसी मंगल कामनाओं की सिद्धि में विघ्नों को दूर करने के लिए स्वास्तिक रूप में गणेश स्थापना की जाती है। इसलिए श्री गणेश को मंगलमूर्ति भी पुकारा जाता है।

लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए : यदि घर में पैसों की तंगी होती है तो आप सिंदूर या कुमकुम के स्वास्तिक चिन्ह को घर के बाहर बनाएं। ऐसा करने से लक्ष्मी जी की कृपा आपके उपर बनती है। और पैसों की कमी दूर होती है।

व्यापार बढ़ाने के लिए : सात गुरुवार घर के उत्तर पूर्वी कोनों पर गंगाजल डालें और वहां पर स्वास्तिक चिन्ह बनाएं। और गुड़ का प्रसाद भी चढ़ाएं। इस उपाय से व्यापार में तरक्की होती है।

मनोकामना पूरी करने के लिए उपाय : मनोकामना पूरी करना चाहते हैं तो किसी भी मंदिर में कुमकुम या गोबर का उल्टा स्वास्तिक चिन्ह बना लें और जैसे ही आपकी मनोकामना पूरी हो जाए तब आप मंदिर में सीधा स्वास्तिक बनाएं।

धन प्राप्त करने के लिए : धन के लिए घर की देहलीज की दोनों तरफ स्वास्तिक चिन्ह बना लें और उसके उपर मौली के धागे से बंधी हुई एक एक सुपारी स्वास्तिक के उपर रख दें।

सुख शांति के लिए : अपने घर की उत्तर दिशा की दीवार पर हल्दी से स्वास्तिक चिन्ह बनाएं एैसा करने से घर में सुख शांति आती है।

पितरों को खुश रखने के लिए : घर में गोबर से स्वास्तिक चिन्ह बनाने से घर में पितरों की कृ पा और सुख व समृद्धि के साथ शान्ति भी आती है।

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