नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार के लिए कश्मीर मुद्दे को चुनौती मानते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्र 'कश्मीर, कश्मीरी लोगों और कश्मीरियत को ध्यान में रखते हुए' इस समस्या का एक स्थायी समाधान निकालेगा। सिंह ने समाधान के लिए एक समय सीमा देने से इनकार कर दिया और दृढ़ता से कहा कि सरकार सभी हितधारकों के साथ बिना शर्त वार्ता के लिए तैयार है।
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राजनाथ ने कहा, "कश्मीर मुद्दा हमारे लिए एक चुनौती है, इस बारे में कोई दो राय नहीं है। लेकिन हम देश को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि हम इस मुद्दे का स्थायी हल निकालेंगे। हम इस स्थायी हल पर कश्मीर, कश्मीरी लोगों और कश्मीरियत को ध्यान में रखते हुए पहुंचेंगे।"
उन्होंने बार-बार स्थायी समाधान के सरकार की रणनीति का खुलासा करने से इनकार कर दिया। लेकिन उन्होंने कहा कि वे अलगाववादी हुर्रियत सहित सभी हितधारकों से बात करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, "हम उन हितधारकों से बात करना चाहते हैं, जो बात करना चाहते हैं, हम उनसे चर्चा करने के लिए तैयार हैं। लेकिन यह बात बिना शर्त होगी। वार्ता किसी तरह की पूर्व शर्त पर नहीं हो सकती और न होगी।"
हाल में हुर्रियत के पाकिस्तान से संबंधों के खुलासे के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ ने कहा, "इस तथ्य के बारे में कोई दो राय नहीं कि पाकिस्तान कश्मीर में अस्थिरता को लेकर सक्रिय है और कश्मीर के जरिए वह भारत को अस्थिर करना चाहता है। दुनिया में पाकिस्तान अकेला ऐसा देश है, जो आतंकवाद को बढ़ावा देता है।"
राजनाथ ने हुर्रियत के हाल में पाकिस्तान के साथ संबंधों के खुलासे और इसके बाद विदेश राज्य मंत्री वी.के. सिंह द्वारा उन पर प्रतिबंध लगाए जाने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, "मैं इस पर (हुर्रियत पर प्रतिबंध लगाने) टिप्पणी नहीं करना चाहता। हमने, उन्होंने जो भी कुछ कहा है, उसका संज्ञान लिया है और हम जो भी न्यायसंगत होगा, करेंगे। हमने पहले ही जांच को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया है, जांच रिपोर्ट आने दीजिए।"
यह पूछे जाने पर कि अलगाववादी नेताओं को नजरबंद किया गया व उन्हें सुरक्षा दी गई, उन्हें जेल में क्यों नहीं डाला गया। इसका दायित्व राजनाथ सिंह ने राज्य सरकार पर डाल दिया। यह राज्य सरकार है, जो उन्हें सुरक्षा देती है, केंद्र सरकार नहीं।
यह याद दिलाने पर कि राज्य सरकार भाजपा-पीडीपी गठबंधन की है तो इस पर राजनाथ ने कहा कि अलगाववादियों को सुरक्षा देने की परंपरा पहले से चली आ रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने कई पहल किए हैं, जिसमें युवाओं को सुरक्षा बलों में शामिल करने सहित कश्मीर के लोगों को मुख्यधारा में लाना व युवाओं को आतंकवाद की तरफ जाने से हतोत्साहित करना शामिल है।