नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में घरेलू आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत लोगों द्वारा घोषित कालेधन की जानकारी दी। वित्त मंत्री ने बताया कि इस साल चार महीनों में 64,275 लोगों ने 65,250 करोड़ की बेहिसाब संपत्ति की जानकारी दी है। उन्होंने कहा, 'टैक्स चोरी रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। टैक्स चोरी करने वालों से आयकर विभाग को 16000 करोड़ रुपए मिले हैं।'
अरुण जेटली ने बताया, इसके अलावा 56000 करोड़ से ज्यादा की गुप्त संपत्ति का पता सर्च ऑपरेशनों से चला है, जिनमें से 1986 करोड़ कैश बरामद भी कर लिए गए हैं।
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देर रात तक खुला रहा काउंटर
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने प्रधान आयकर आयुक्तों को 30 सितंबर को देर रात तक काउंटर खोलने के निर्देश दिए थे। ताकि घरेलू आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत लोगों को अपने बेहिसाबी धन की घोषणा करने में सुविधा हो। घोषणा के आखिरी दिन कैबिनेट सचिवालय के नॉर्थ ब्लॉक स्थित सीबीडीटी के ऑफिस में देर रात तक काम चलता रहा।
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अधिकारियों की छुट्टियां तक हुई रद्द
'ब्लैकमनी स्कीम' को सफल बनाने में सरकार जोर-शोर से जुटी थी। इसी के तहत आईडीएस के आखिरी दिन यानि 30 सितंबर को इनकम टैक्स अधिकारी सड़कों पर उतरे और लाउडस्पीकर से लोगों को इस योजना के बारे में बताया। इनकम टैक्स विभाग भी इस दौरान सतर्क दिखा। अधिकारियों की छुट्टियां तक रद्द कर दी गई। जगह-जगह कारोबारियों को जागरूक किया गया है। इसके साथ छापेमारी भी लगातार चली।
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