आगराः आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) अफसरों की एक गलती की वजह से ताजमहल परिसर का एक हिस्सा कूड़ेघर में बदल गया है। दरअसल, यहां पीजी फायबर नाम की निजी कंपनी को सफाई का ठेका मिला हुआ था। ठेका खत्म हुआ तो कंपनी ने कूड़ा उठवाना बंद कर दिया। एएसआई को नए सिरे से ठेका देना चाहिए था, लेकिन अफसरों ने ऐसा किया नहीं। नतीजे में ताजमहल परिसर में घूमने वाले लोग कूड़ा भी देख रहे हैं।
कूड़े का अंबार देख रहे हैं लोग
-ताजमहल में हर रोज हजारों पर्यटक घूमने आते हैं।
-वे शू कवर और पानी की बोतलें कूड़ेदान में फेंक जाते हैं।
-पहले निजी कंपनी कूड़ेदानों को साफ कराती थी, अब ऐसा नहीं हो रहा।
-पर्यटक जो कूड़ा फेंककर जाते हैं, उसे परिसर में ही एक जगह इकट्ठा कराया जा रहा है।
-यहां आने वाले लोग भी कूड़े का अंबार देखकर हैरानी जता रहे हैं।
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डीएम-प्रमुख सचिव को नहीं दिखा कूड़ा
हैरानी की बात यह भी है कि सोमवार को ही डीएम पंकज कुमार और प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ताज के अंदर वर्ल्ड बैंक की टीम के साथ गए थे। कूड़ा जहां ढेर है, वहां से भी गुजरे, लेकिन दोनों अफसरों ने किसी से पूछताछ की जहमत नहीं उठाई।
टिकट महंगा, सुविधाएं जस की तस
-ताजमहल में बीते दिनों टिकट की दर को दोगुना किया गया है।
-एएसआई पथकर भी वसूल कर रहा है।
-ताज से अभी लगभग 64 करोड़ रुपए सालाना की कमाई एएसआई को होती है।
-सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ भी नहीं कराया गया है।
क्या कहते हैं एएसआई के अफसर?
पुरातत्व अधिकारी राम रतन ने कहा कि निजी कंपनी को नए सिरे से ठेका दिया जाना था, लेकिन उसके कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया। पहले 14 लोग सफाई की व्यवस्था देखते थे, अब चार ही बचे हैं। जहां कूड़ा रखवाया है, वहां पर्यटकों की नजर नहीं पड़ती है।