बाबरी विध्वंस: CBI ने आडवाणी-जोशी-उमा के वकीलों को मुहैया कराई गवाहों के बयान, जिरह हुई तो लग सकते हैं वर्षों

Update: 2017-06-09 21:59 GMT
बाबरी विध्वंस: CBI ने आडवाणी-जोशी-उमा के वकीलों को मुहैया कराई गवाहों के बयान, जिरह में लग सकते हैं वर्षों

लखनऊ: 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या मेें बाबरी ढांचे को ढहाने मामले में चल रहे केस में सीबीआई ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), संघ और विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) के 12 नेताओं के वकीलों को लखनउ की विशेष अदालत में चल रहे केस में अब तक परीक्षित 196 अभियोजन साक्षियों की गवाही की कॉपी शुक्रवार (09 जून) को उपलब्ध करा दी।

बता दें, इस मामले में कुल 34 अभियुक्त हैं। इनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, विनय कटियार आदि प्रमुख हैं। मामले की अगली सुनवाई 18 जून को होगी।

..ऐसे तो जिरह में ही लग जाएंगे वर्षों

विचारण में आए इस नए मोड़ पर एक जाने माने वकील ने कहा, कि 'यदि आडवाणी सहित अन्य 11 अभियुक्तों के वकीलों ने 196 अभियोजन के गवाहों की तलब की मांग उठा दी, ताकि उनसे जिरह की जा सके तो जिरह पूरी कराने में ही सीबीआई को वर्षों लग जाएंगे। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के दो साल में विचारण पूरा करने के आदेश पर अमल मुश्किल हो जाएगा।'

लखनऊ, रायबरेली में चल रहा था मामला

बाबरी ढांचा गिराए जाने मामले में दो विचारण चल रहे थे। एक लखनऊ में दूसरा रायबरेली में। रायबरेली में आडवाणी सहित 6 अन्य के खिलाफ मामला चल रहा था। वहीं, 6 अन्य डिस्चार्ज कर दिए गए थे। वहां सीबीआई ने 56 गवाह पेश किए थे।

रायबरेली में चल रहा मामला भी लखनऊ ट्रांसफर

इस बीच इस प्रकरण से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 19 अप्रैल को रायबरेली में चल रहे विचारण को भी लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ट्रासंफर कर दिया। साथ ही आडवाणी सहित अन्य 11 पर ढांचा गिराने का आपराधिक षड्यंत्र रचने का भी केस चलाने का आदेश दे दिया।

बढ़ी धाराओं में आरोपियों को मिली जमानत

दूसरी ओर, लखनऊ की विशेष कोर्ट में सीबीआई सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पूर्व ही 196 अभियोजन साक्षी पेश कर चुकी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आडवाणी व अन्य ने बढ़ी धाराओं में जमानत करा ली। जिसके बाद सीबीआई के विशेष जज एसके यादव ने रायबरेली व लखनऊ के विचारण को ज्वाइंट कर दिया।

ये थी आडवाणी सहित अन्य के वकील की मांग

बाद में आडवाणी सहित अन्य 11 अभियुक्तों के वकीलों ने कोर्ट में अर्जी देकर कहा, कि उन्हें पूर्व में परीक्षित 196 गवाहों के बयान की प्रति चाहिए। क्योंकि यदि वह गवाही उनके खिलाफ पढ़ी जानी है तो उन्हें उन गवाहों से एक-एक कर जिरह की अनुमति दी जाए, जो कि उनका कानूनन हक है। इसके बाद कोर्ट ने सीबीआई को गवाहियों की प्रति आडवाणी व अन्य के वकीलों को देने का आदेश दिया था। इसके अनुपालन में सीबीआई ने शुक्रवार को उनके वकीलों को गवाहियों की प्रति उपलब्ध करा दी।

 

 

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