नोएडा: अफगानिस्तान के हिंदुकुश में आए भूकंप का झटका शाम चार बजे नोएडा को भी हिला गया। रिक्टर स्केल पर 6.8 तीव्रता से धरती डोली तो लोग ऑफिस और घरों से बाहर सड़कों पर निकल आए। करीब एक घंटे तक सड़कों पर रहने के बाद वह घर के अंदर घुसे। ऐसा पहली बार नहीं हुआ। बल्कि इससे पहले भी कई बार शहर में भूकंप का झटके महसूस किए जा चुके हैं। मौसम विभाग की मानें तो शहर में यदि तेज झटका आए तो भारी नुकसान हो सकता है। इसकी एक वजह यहा रिहाएशी बिल्डिंगो का सबसे ज्यादा होना है। जिनकी भूकंप रोधी क्षमता अधिकतम 7.5 या 8.० तक की है।
तेज झटका और होगी भारी तबाही
नोएडा सिसमिक जोन-4 में आता है। यानी भूकंप की नजर से बेहद संवेदनशील। सिसमिक जोन जमीन के अंदर चट्टानों की परत होती है। जिसमें अक्सर हलचल होती रहती है। जबकि प्रदेश के अन्य भाग सिसमिक जोन-3 और 2 में आते हैं। यहां भूकंप का खतरा काफी कम होता है। ऐसे में यहा एक भी झटका 7.5 या इससे अधिक का रहा तो भारी तबाही हो सकती है।
क्यों आता है भूकंप
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक रणजीत सिंह ने बताया कि धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथो स्फेयर कहते हैं। ये 5० किलोमीटर की मोटी परत, वर्गों में बंटी हुई है, जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, लेकिन जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप आ जाता है।
ये प्लेट्स क्षैतिज और ऊध्र्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट दूसरी के नीचे आ जाती है। भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल 1 से 9 तक के आधार पर मापता है।
घरों से बाहर निकले लोग
रविवार का दिन होने से अधिकांश लोग घरों में मौजूद थे। शाम करीब 4 बजकर 1० मिनट पर भूकंप का पहला झटका महसूस किया गया। इसके तुरंत बाद दूसरा झटका लगा। ऐसे में लोग घरों से बाहर सड़कों व पाकरे में निकल आए। बताते दे शहर में 15० से ज्यादा रिहाएशी बिल्डिंग है। जहा लोग रहते है। जबकि 25० से ज्यादा निर्माणाधीन बिल्डिंग है। फिलहाल एक घंटे तक घरों के बाहर रहने के बाद लोग अंदर चले गए।
रोकी गई मेट्रो ट्रेन
झटका आने के करीब दस मिनट बाद 4 बजकर 2० मिनट पर मेट्रो रेल रोक दी गई। जहा जो भी ट्रेन थी उसे वहीं रोक दिया गया। लाइन चेक होने के बाद करीब 1० मिनट बाद मेट्रो को दोबारा चलाया गया।
कब-कब लगे झटके
-24 सितंबर 2०13 - रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता करीब 5.5 रिकार्ड की गई।
-12 नवंबर 2०13 दिल्ली एनसीआर में चार झटके महसूस किए गए।
-21 अगस्त 2०14 रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.०।
-31 मई 2०15- रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.5।
-1० अक्टूबर 2०15 रिक्टर स्केल 3.०।
-26 अक्टूबर 2०15 को दोपहर करीब ढाई बजे तेज झटका।
-26 दिसंबर दोपहर रात करीब 12.5० पर तीव्रता करीब 6.2।
-25 अप्रैल 2०15 दोपहर करीब 11.45 से 12.15 तीव्रता 6.3।