लापरवाही: ई-गवर्नेंस का दावा करने वाली नौकरशाही का सच, पढ़कर चौंक जाएंगे आप
लखनऊ: अनूप चंद्र पांडेय को मुख्य सचिव बने भले ही तकरीबन दो हफ्ते हो रहे हों। लेकिन सरकारी साइट्स पर अभी भी राजीव कुमार मुख्य सचिव बने हुए हैं। यही नहीं सेवानिवृत्त होकर विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष बन चुके राज प्रताप सिंह अभी भी राज्य के कृषि उत्पादन आयुक्त हैं। अनूप चंद्र पांडेय का नाम ही प्रदेश सरकार के नियुक्ति और कार्मिक विभाग की वेवसाइट से गायब है। सरकार की इस गलती के चलते अभी वीकीपीडिया पर उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव राजीव कुमार ही हैं। हद तो यह है कि नियुक्ति और कार्मिक विभाग की यह वेबसाइट अपने प्रमुख सचिव का नाम दीपक त्रिवेदी बता रही है, जबकि दस दिन से अधिक से इस पद पर मुकुल सिंघल काम कर रहे हैं।
नए निजाम के बाद नहीं हुआ अपडेशन
यह हाल ई-गवर्नेंस का दावा करने वाली नौकरशाही का है। आईएएस अफसर सदाकांत को सेवानिवृत्त हुए कई महीने हो गये लेकिन अभी भी इस साइट पर वे सार्वजनिक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव ही हैं। बीते 16 जून को आईएएस अफसर हरिराज किशोर की मौत लंबी बीमारी के चलते पीजीआई, लखनऊ में हो गई। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं गये थे। पर यह वेबसाइट हरिराज किशोर को को-आपरेटिव महकमे में तैनात बता रही है। इस वेबसाइट के मुताबिक अनीता सिंह राष्ट्रीय एकीकरण महकमे में हैं। लेकिन यहां से कब का उनका तबादला हो गया है। अनीता सिंह लघु सिंचाई में प्रमुख सचिव हैं।
संजीव सरन को परिवहन निगम का अध्यक्ष बना दिया गया है। पर वेबसाइट उन्हें अपर मुख्य सचिव सूचना प्रौद्यौगिकी विभाग में तैनात बता रही है। साइट के मुताबिक आईएएस अफसर ललित वर्मा सामान्य प्रशासन विभाग में तैनात हैं। जबकि वे राजस्व परिषद में हैं। नौकरशाही में नये निजाम के बदलने के बाद का कोई परिवर्तन नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग की वेबसाइट पर दर्ज नहीं है। इस वेबसाइट पर अनगिनत गलतियां हैं। अगर देश के किसी कोने में बैठे किसी शख्स को इस वेबसाइट पर यकीन करके चलना पड़ा तो निःसंदेह उसे यूपी के नौकरशाही को कोसने के सिवाय और रास्ता नहीं रहेगा।