चौथी क्लास तक बच्चों के नहीं होंगे इम्तिहान, जल्दी ही फैसला लेगी मोदी सरकार

Update: 2016-11-08 20:30 GMT

इलाहाबादः शिक्षा में आमूलचूल बदलाव के लिए मोदी सरकार जल्दी ही एक अहम फैसला लेने जा रही है। इसके तहत चौथी क्लास तक के बच्चों को इम्तिहान नहीं देना होगा। पांचवीं और आठवीं क्लास के इम्तिहान पर राज्य सरकारें खुद फैसला करेंगी। इसके लिए शिक्षा का अधिकार कानून में बदलाव करने की तैयारी है। जल्दी ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय यानी एचआरडी कैबिनेट में प्रस्ताव भेजेगी।

बच्चों का बस्ता हल्का होगा

इलाहाबाद में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने ये भी बताया कि जल्दी ही बच्चों के बस्तों का बोझ कम करने और शिक्षा को व्यावहारिक बनाने का काम मोदी सरकार करने जा रही है। चौथी क्लास तक इम्तिहान न होने और बस्ते हल्के होने से बच्चों को काफी राहत मिलेगी।

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राज्यों ने क्या दिए हैं सुझाव?

जावड़ेकर ने बताया कि ज्यादातर राज्यों ने शिक्षा का अधिकार कानून के तहत आठवीं तक फेल न करने की नीति को गलत बताया है। लगभग सभी राज्य सहमत हैं कि पांचवीं और आठवीं तक के बच्चों की सीखने की क्षमता जानने के लिए परीक्षा होनी चाहिए। इसके लिए क्या कदम उठाए जाएं, ये राज्यों पर छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान का लक्ष्य बच्चों को स्कूल भेजने से नहीं, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने से मिलेगा। सरकार चाहती है कि बच्चों को अगली क्लास में तभी जाने दिया जाए, जब वे इस योग्य हों।

अगले साल से परीक्षा में बदलाव

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सीबीएसई की 10वीं की परीक्षा का पैटर्न बदला जा रहा है। ये बदलाव 2017 से नहीं, लेकिन उसके अगले साल की परीक्षा के लिए होंगे। उच्च शिक्षा के बारे में उन्होंने कहा कि इसमें अनुसंधान पर सरकार जोर देगी। शिक्षा में विश्वसनीयता, जवाबदेही और सामर्थ्य पर भी सरकार की नजर है।

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