लखनऊ: लखनऊ में हिन्दू-मुस्लिम कपल के पासपोर्ट को लेकर हुए हंगामें के बाद इस मामले में अब नया मोड़ आया है जिसमें तन्वी सेठ के नाम और स्थायी पते को लेकर एक बार फिर से पूरे मामले की जांच की जा सकती है।
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पासपोर्ट विवाद के तूल पकड़ने के बाद भले ही आनन-फानन में तन्वी सेठ का पासपोर्ट उन्हें दे दिया गया हो, लेकिन एक बार फिर पासपोर्ट की जांच की जा सकती है। अगर पासपोर्ट वेरिफिकेशन में गड़बड़ी पाई गई तो उसका पासपोर्ट जब्त भी हो सकता है।
तन्वी सेठ ने दिया था लखनऊ का पता
सोशल मीडिया में मामले के नये तथ्यों के सामने आने और पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा की बातों में तर्क दिखने की वजह से एक बार फिर इस मामले की चर्चा शुरू हो गई है। पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्र ने तन्वी सेठ की शादी के बाद नाम बदल कर सादिया अनस रखे जाने और बदले नाम के कॉलम को खाली छोड़ दिए जाने पर सवाल पूछे थे।
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साथ ही नोएडा में रहते हुए लखनऊ का पता देने पर पूछताछ की थी। अब पासपोर्ट विभाग एक बार फिर से तन्वी सेठ के पासपोर्ट मामले का रि-वेरिफिकेशन करने की तैयारी में है।
तन्वी सेठ ने नोएडा में रहते हुए नोएडा का पता न देकर सिर्फ लखनऊ का पता दिया था। साथ ही निकाहनामे में बदले हुए नाम 'सदिया अनस' की कोई जानकारी पासपोर्ट फॉर्म में नहीं लिखी थी जिसे लेकर पासपोर्ट अधिकारी ने सवाल जबाब किए थे।
इस मामले पर सियासत भी गरमाने लगी है
हंगामा बढ़ने के बाद न सिर्फ तन्वी सेठ का पासपोर्ट दिया गया बल्कि पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्र का तबादला भी गोरखपुर कर दिया गया लेकिन तबादला होने के बावजूद शुक्रवार को विकास मिश्र ने लखनऊ के पासपोर्ट दफ्तर में ही अपनी ड्यूटी की।
इस मामले पर सियासत भी गरमाने लगी है। शिवसेना और दूसरे हिंदूवादी संगठन पासपोर्ट बनाने में जल्दबाजी करने और आनन-फानन में तन्वी सेठ को पासपोर्ट दिए जाने की मुखालफत कर रहे हैं।