SC: उम्मीदवार को पत्नी और आश्रितों की आय के स्रोत बताने होंगे
चुनाव सुधारों की दिशा मेें आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवार को उसकी पत्नी और आश्रितों की आय का स्रोत और सम्पत्तियों का ब्योरा देना जरूरी कर दिया है।अभी तक चुनाव लड़ने वाले उम्म्ीदवारों को हलफनामे में अपनी चल-अचल संपत्तियों के बारे में पूरी जानकारी देना होता था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे चेलमेश्व
नई दिल्ली:चुनाव सुधारों की दिशा मेें आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवार को उसकी पत्नी और आश्रितों की आय का स्रोत और सम्पत्तियों का ब्योरा देना जरूरी कर दिया है।अभी तक चुनाव लड़ने वाले उम्म्ीदवारों को हलफनामे में अपनी चल-अचल संपत्तियों के बारे में पूरी जानकारी देना होता था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस एसए अब्दुल नजीर की बेंच ने यूपी के एनजीओ लोक प्रहरी की याचिका पर यह फैसला सुनाया।
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लोक प्रहरी की याचिका में मांग की गई थी कि सांसदों और विधायकों को आय से ज्यादा सम्पत्ति हासिल करने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं जाय। लोक प्रहरी की मांग थी कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के नामांकन फॉर्म में आय के स्रोत का कॉलम भी जोड़ा जाए इसके साथ ही वे अपनी पत्नी और आश्रितों की आय का स्रोत और संपत्ति का पूरा ब्योरा भी पेश करें।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए 12 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सेंटर बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) से हलफनामे के जरिए एक जवाब देने को कहा था। इसमें कोर्ट ने पूछा था कि उन विधायकों और सांसदों पर क्या कार्रवाई की गई, जिनकी एसेट्स दो चुनावों के बीच अचानक 500 फीसदी तक बढ़ गई।
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इसके जबाब में सीबीडीटी ने कोर्ट को बताया कि ऐसे लोगों के खिलाफ जांच जारी है।सितंबर में हुई सुनवाई के दौरान सीबीडीटी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामा में कहा था कि लोकसभा के 26 और राज्यसभा के 11 सांसदों और 257 विधायकों ने आय से अधिक संपत्ति बनाई है। जनप्रतिनिधियों के बेहिसाब संपत्ति बनाने के मामले में सीबीडीटी ने बताया कि इस मामले की जांच इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने की है और शुरुआती तौर पर लोकसभा के 26 में 7 सांसदों के बेहिसाब संपत्ति बनाने का पता चला है।