65 साल में पहली बार राज्यसभा होगी 'कांग्रेस मुक्त', ढह जाएगा कांग्रेसी किला

त्तर प्रदेश की नौ में से 8 सीट भी बीजेपी जीत जाए तो राज्यसभा में बीजेपी की संख्या 100 के आसपास पहुँच जाएगी। यह आंकड़ा 126 के बहुतम आंकड़े से कुछ कम जरूर है लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव से पहले 62 राजयसभा सीटों के लिए चुनाव होगा। जिसमे बीजेपी सरकार वाले राज्यों से

Update: 2018-03-14 03:44 GMT

मनोज द्विवेदी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की नौ में से 8 सीट भी बीजेपी जीत जाए तो राज्यसभा में बीजेपी की संख्या 100 के आसपास पहुँच जाएगी। यह आंकड़ा 126 के बहुतम आंकड़े से कुछ कम जरूर है लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव से पहले 62 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होगा। जिसमें बीजेपी सरकार वाले राज्यों से ही पूर्ण बहुमत का आंकड़ा आसानी से मिल जायेगा। आजादी के बाद राज्यसभा के 65 साल के इतिहास में यह पहला मौका बनेगा जब कांग्रेस राज्यसभा में अल्पमत में रहेगी। पढ़िए पूरी रिपोर्ट

"स्पेशल 26" की रणनीति

इस समय हो रहे राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने कुल 26 उम्मीदवार उतारे हैं। केंद्रीय टीम स्पेशल 26 रणनीति पर काम करते हुए सभी उम्मीदवारों को जीताना चाहती है। ताकि राज्यसभा के रण को लोकसभा चुनाव से पहले जीता जाए। वर्तमान में राज्यसभा के कुल सदस्यों की संख्या 250 है और बहुमत का आंकड़ा 126 सीटों का है। राज्यसभा में अभी 239 सदस्य हैं।

स्पेशल 26 की रणनीति कामयाब हुई तो एनडीए की संख्या 100 के आसपास पहुंच जायेगी। राजनैतिक सूत्रों की माने तो लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को राज्यसभा से भी बेदखल करके बीजेपी, अपने कांग्रेस मुक्त भारत के अभियान को चुनावों में भुनाएगी।

ऐसे ध्वस्त होगा कांग्रेसी किला

हाल ही में त्रिपुरा विधानसभा में ऐतिहासिक जीत के बाद सिर्फ पूर्वोत्तर राज्यों से बीजेपी को 10 राज्यसभा सीटों का फायदा होगा। वही बीजेपी शासित प्रदेशों में कुल 62 सीटों पर राज्यसभा चुनाव होंगे जिसमें आधी से ज्यादा सीटें एनडीए उम्मीदवार जीत सकते है। जिसके जितने विधायक उसकी उतनी सीटें, राज्यसभा का यही गणित है और बीजेपी के रणनीतिकार दूसरे दलों के जिताऊ नेताओं पर दाव लगाने से नहीं चूक रहे हैं।

बीजेपी के एक नेता ने बताया की दूसरे दलों के नेता आ तो रहे हैं लेकिन यहाँ का अनुशासन देखकर वे अपने पुराने दिन भूल जाएंगे। उन्होंने हँसते हुए कहा की देश से कांग्रेस के सफाये में जिसकी जहां जरूरत है, मदद ली जा रही है।

क्या होगा राज्यसभा के बहुमत से

बीते सत्र में संविधान संसोधन का एक महत्वपूर्ण विधयेक राज्यसभा में इसलिए पास नहीं हो सका क्योंकि यूपीए सदस्यों ने विरोध किया। इतना ही नहीं जब इस पर वोटिंग हुई तो बीजेपी के ही 30 सदस्य सदन में अनुपस्थित रहे। हालाँकि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने सभी सदस्यों कारण बताओ नोटिस थमा दिया है।

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया हर चुनाव के बाद बीजेपी का आधार मजबूत हो रहा है और राज्यसभा में हमें ज्यादातर सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। लेकिन आंकड़ों के लिए हमें और सदस्य चाहिए ही चाहिए। हालांकि बीजेपी की इस रणनीति से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह इत्तेफाक नहीं रखते और कहते हैं कि बीजेपी स्टेट्स में भले ही जीत जाए लेकिन यह "हॉउस ऑफ़ स्टेट्स है"।

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