लखनऊ: डीआईजी डीके चौधरी के थप्पड़ और वर्दी की अकड़ ने इंदिरानगर के आम्रपाली मार्केट के दुकानदारों को इस कदर खौफजदा कर दिया है कि अब उनकी कारगुजारियों के बारे में कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं। सभी ने अपनी जुबां पर ताले लगा लिए हैं। वो भी क्या करें? आखिर रोजी रोटी का सवाल है। विक्टिम केपी तिवारी भी डीआईजी साहब का थप्पड़ बर्दाश्त करने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं।
क्या था मामला?
-मंगलवार रात दुकान का सामान सड़क से हटाने को लेकर एक बुजुर्ग शॉपकीपर को डीआईजी डीके चौधरी ने थप्पड़ रसीद किया था।
-गिफ्टशॉप ओनर के पी तिवारी की सबके सामने फजीहत की गई।
क्या कहा शॉपकीपर ने?
-5-6 हजार रुपए महीना कमाने वाले एक बेटी और दो बेटों के पिता केपी तिवारी काफी डरे हुए हैं।
-उन्होंने कहा-डीआईजी साहब ने सामान हटाने के लिए 'सिर्फ' कहा था।
-मुझे और कुछ नहीं कहना है।
क्या कहते हैं चश्मदीद?
-आसपास के चश्मदीद दुकानदारों का कहना है कि कल डीआईजी साहब राउंड पर थे।
-उन्होंने सड़क पर रखे सामानों को हटवाने के लिए दुकानदार को थप्पड़ मार दिया।
-इसके बाद शॉपकीपर ने चुपचाप सामान हटा लिया।
-अगर अवैध तरीके से सामान सड़क पर रखा है तो जब्त कर लेना चाहिए, थप्पड़ क्यों मारा?