आखिर सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष बनी, राहुल का इस्तीफा स्वीकार
कांग्रेस में 25 मई 2019 से चल रहे नाटक का आज पटाक्षेप करते हुए सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष चुन लिया गया। पार्टी की कार्यसमिति की 11 घंटे चली बैठक में यह निर्णय लिया गया। इससे पहले कई नामों पर चर्चा हुई लेकिन बाद में सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया गया। हालांकि सोनिया गांधी राहुल गांधी व प्रियंका तीनों ही इस दौड़ में नहीं थे।
कांग्रेस में 25 मई 2019 से चल रहे नाटक का आज पटाक्षेप करते हुए सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष चुन लिया गया। पार्टी की कार्यसमिति की 11 घंटे चली बैठक में यह निर्णय लिया गया। इससे पहले कई नामों पर चर्चा हुई लेकिन बाद में सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया गया। हालांकि सोनिया गांधी राहुल गांधी व प्रियंका तीनों ही इस दौड़ में नहीं थे।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अध्यक्ष को लेकर व्यापक चर्चा हुई।
सर्वसम्मति से तीन प्रस्ताव पारित किये गए।
पहला, कांग्रेस कार्यसमिति ने राहुल गांधी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए उनका धन्यवाद दिया।
उन्होंने हर क्षण पार्टी की सेवा की. समाज के हर वर्ग की आवाज बनकर उभरे।
राहुल गांधी ने देश में भय और हिंसा के वातावरण के खिलाफ निरंतर आवाज उठाई।
पार्टी को नई ऊर्जा और नई दिशा दी, एक निर्णायक लड़ाई लड़ी।
कार्यसमिति ने राहुल गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए कहा कि उनका सहयोग पार्टी को मिलता रहेगा।
इसके बाद राहुल गांधी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया।पार्टी ने प्रस्ताव किया कि राहुल गांधी अपने पद पर बने रहें और उनसे इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया गया।
राहुल गांधी ने इस अनुरोध को ठुकरा दिया और कहा कि जवाबदेही और जिम्मेदारी की शुरुआत उनसे होनी चाहिए।
इसके बाद कार्यसमिति ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष का पद संभालें,
जब तक रेगुलर चुनाव नहीं हो जाता है, उन्होंने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।
जम्मू कश्मीर पर चिंता
सुरजेवाला ने कहा, कार्यसमिति ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भी चिंता जताई और स्थानीय नेताओं की गिरफ्तारी
पर भी चिंता जताई और सरकार से मांग की एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को वहां जाने की इजाजत दे।
आज सुबह ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद नए अध्यक्ष को चुनने के लिए
कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की महत्वपूर्ण बैठक हुई थी।
बैठक को 5 ग्रुप में बांटकर किया गया था। इन समूहों को क्षेत्रवार बांटा गया था।