Ram Navami 2023: जानिए राम नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त, इतिहास, पूजा विधि, उत्सव और महत्व
Ram Navami 2023: इस साल राम नवमी 30 मार्च को पड़ रही है। आइये जानते हैं इसके इतिहास, महत्व, रीति-रिवाजों, शहर के अनुसार पूजा के मुहूर्त का समय।
Ram Navami 2023: राम नवमी दुनिया भर में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण हिंदू त्योहारों में से एक है। ये शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम के जन्म का प्रतीक है। इस साल राम नवमी 30 मार्च को पड़ रही है। आइये जानते हैं इसके इतिहास, महत्व, रीति-रिवाजों, शहर के अनुसार पूजा के मुहूर्त का समय।
राम नवमी तिथि, शुभ मुहूर्त, इतिहास, पूजा विधि, उत्सव और महत्व
हिन्दुओं द्वारा प्रतिवर्ष पूरे देश में चैत्र नवरात्रि धूमधाम से मनाई जाती है। इस साल, ये त्योहार 22 मार्च को शुरू हुआ और 30 मार्च को समाप्त होगा, जो रामनवमी के शुभ अवसर के साथ मेल मनाया जाता है। ये चैत्र माह (हिंदू कैलेंडर का पहला महीना) के शुक्ल पक्ष की नवमी (नौवें दिन) को पड़ता है। रामनवमी भगवान श्री राम की जयंती का प्रतीक है, जिन्हें भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है। इसे चैत्र नवरात्रि के समापन के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन माँ दुर्गा और भगवान राम के भक्त अपने घरों में हवन का आयोजन करते हैं, नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि के व्रत को समाप्त करते हैं, मंदिरों में जाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, और कन्याओं का पूजन भी किया जाता है।
राम नवमी 2023 तिथि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र नवरात्रि सालाना मार्च या अप्रैल में मनाई जाती है। इस वर्ष, रामनवमी गुरुवार, 30 मार्च को पड़ रही है। भगवान राम का जन्म मध्याह्न काल के दौरान हुआ था, जो हिंदू दिवस के मध्य में हुआ था। द्रिक पंचांग के अनुसार इस साल यह सुबह 11 बजकर 11 मिनट से दोपहर 1 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इस बीच, नवमी तिथि 29 मार्च को रात 9:07 बजे से शुरू हो रही है और 30 मार्च को रात 11:30 बजे समाप्त हो रही है।
राम नवमी 2023 शहर के अनुसार पूजा मुहूर्त:
नई दिल्ली - सुबह 11:11 से दोपहर 1:40 बजे तक
पुणे - सुबह 11:26 से दोपहर 1:53 बजे तक
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चेन्नई - सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:27 बजे तक
कोलकाता - सुबह 10:27 से दोपहर 12:55 बजे तक
हैदराबाद - सुबह 11:07 से दोपहर 1:34 बजे तक
अहमदाबाद - सुबह 11:30 से दोपहर 1:58 बजे तक
नोएडा - सुबह 11:11 से दोपहर 1:40 बजे तक
जयपुर - सुबह 11:17 से दोपहर 1:46 बजे तक
मुंबई - सुबह 11:29 से दोपहर 1:57 बजे तक
गुड़गांव - सुबह 11:12 से दोपहर 1:41 बजे तक
बेंगलुरु - सुबह 11:11 से दोपहर 1:38 बजे तक
चंडीगढ़ - सुबह 11:13 से दोपहर 1:42 बजे तक
राम नवमी 2023 इतिहास और महत्व:
भगवान राम को एक आदर्श इंसान और सच्चाई, धार्मिकता, सदाचार, वीरता, साहस और अपने कर्तव्य के प्रति समर्पण का प्रतीक माना जाता है। त्रेता युग में अयोध्या में राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर जन्मे, वे भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं। रामनवमी उत्सव - भगवान राम के जन्म का उत्सव, रामायण में दर्ज है, जिसे हिंदू धर्म के दो महान संस्कृत महाकाव्यों में से एक माना जाता है। रामनवमी की कथा को व्रत कथा भी कहा जाता है।
कहानी बताती है कि कैसे राजा दशरथ और उनकी तीन रानियों - कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा - ने ऋषि वशिष्ठ की सलाह पर पुत्र कामस्थि यज्ञ किया, जब वो उन्हें वारिस नहीं दे पाए। यज्ञ के बाद तीनों रानियों को यज्ञ के देवता द्वारा आशीर्वादित खीर दी गई। खीर खाने के तुरंत बाद रानियों ने गर्भ धारण किया और चैत्र मास के नौवें दिन रानी कौशल्या ने राम को जन्म दिया।
राम नवमी 2023 अनुष्ठान:
द्रिक पंचांग कहता है कि भक्तों को एक दिन का उपवास रखना चाहिए, भगवान राम की पूजा करनी चाहिए, महाकाव्य रामायण का पाठ करना और सुनना चाहिए, भगवान श्री राम और देवी सीता का औपचारिक विवाह करना चाहिए, राम नवमी के जुलूस का आयोजन करना चाहिए और अगले दिन उपवास तोड़ने से पहले हवन करना चाहिए। .