Antilia Case: जानिए कौन हैं एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा, जिन्हें एसयूवी-हिरन मामले में एनआईए ने किया गिरफ्तार
Antilia Case: NIA ने गुरुवार को मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी प्रदीप शर्मा (Pradeep Sharma) को छापे के दौरान उनके आवास से गिरफ्तार किया। NIA ने यह गिरफ्तारी एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन मर्डर मामले में की है।
मुंबई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के पूर्व अधिकारी प्रदीप शर्मा (Pradeep Sharma) को छापे के दौरान उनके आवास से गिरफ्तार किया। NIA ने यह गिरफ्तारी एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन मर्डर मामले में की है। गिरफ्तार हुए हाई-प्रोफाइल एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को मुंबई पुलिस का 'डर्टी हैरी' भी कहा जाता है।
प्रदीप शर्मा का विवादों से पुराना नाता रहा है। अब इस मामले में उनका नाम पूर्व एपीआई सचिन वाजे (Sachin Waje) के साथ जोड़ा जा रहा है। यही वजह है कि एनआईए की टीम ने प्रदीप शर्मा के घर पर छापेमारी की और घंटों पूछताछ के बाद उनको गिरफ्तार कर लिया। आइये आपको बताते हैं कि आखिर ये प्रदीप शर्मा हैं कौन?
आगरा के मूल निवाशी हैं प्रदीप शर्मा
प्रदीप शर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के आगरा में हुआ था। उनके पिता अंग्रेजी के प्रोफेसर थे। जिन्हें महाराष्ट्र (Maharashtra) के धुले में एक कॉलेज में नौकरी मिल गई थी। लिहाजा तभी वे अपने परिवार को लेकर महाराष्ट्र चले गए थे और फिर वहीं बस गए। प्रदीप शर्मा धुले में ही बड़े हुए और उनकी पढ़ाई लिखाई भी वहीं पूरी हुई। साल 1983 में प्रदीप शर्मा का चयन महाराष्ट्र पुलिस सेवा (Maharashtra Police Service) में हुआ। इसके बाद वो आगे बढ़ते गए। प्रदीप की पहली पोस्टिंग मुंबई के माहिम पुलिस स्टेशन में हुई थी। जहां वो कुछ समय रहे और इसके बाद उन्हें जुहू में पुलिस की स्पेशल ब्रांच में तैनात किया गया।
1990 के दशक में मुंबई में जब अंडरवर्ल्ड का बोलबाला था और कानून का खौफ बिलकुल भी नहीं था। तभी सरकार ने उन अपराधियों का सफाया करने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई, जिसमें प्रदीप शर्मा समेत मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के कुछ चुनिंदा अफसरों को शामिल किया गया। इसके बाद ये टीम अंडरवर्ल्ड के सफाए में जुट गई। धड़ाधड़ अपराधी एनकाउंटर में मारे जाने लगे। इस टीम और टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाने लगा।
अखबारों की सुर्खियों में रहता था प्रदीप शर्मा का नाम
उन दिनों प्रदीप शर्मा का नाम अखबारों की सुर्खियों में रहता था। पुलिस विभाग में उनका रुतबा बढ़ गया। उन्हें तरक्की देकर मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में सीनियर इंस्पेक्टर बना दिया गया। 25 साल के कैरियर में उनके नाम 113 अपराधियों के एनकाउंटर लिखे गए। प्रदीप शर्मा ने ही अंडरवर्ल्ड के सबसे बड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कास्कर को गिरफ्तार किया था।
इतना ही नहीं प्रदीप शर्मा और 26/11 के मुंबई हमले में शहीद हुए सुभाष मकाडवाला और अंडरवर्ल्ड डॉन रवि पुजारी के गुरु श्रीकांत मामा को भी मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। इसके कुछ समय बाद प्रदीप शर्मा को क्राइम ब्रांच से एंटी नार्कोटिक्स सेल में तैनात कर दिया गया था।
फर्जी एनकाउंटर में हुए गिरफ्तार
2006 में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के गुर्गे रामनारायण गुप्ता को प्रदीप शर्मा ने एक एनकाउंटर में मार गिराने की बात सामने आयी थी, लेकिन जब जांच हुई तो वो मुठभेड़ फर्जी निकली। इसके बाद प्रदीप शर्मा गंभीर विवाद में घिर गए। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया। अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए प्रदीप शर्मा को दोषी करार दिया और उन्हें साढ़े 3 साल कैद की सजा सुनाई। उसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने प्रदीप शर्मा को साल 2008 में पुलिस सेवा से बर्खास्त भी कर दिया।
फिर साल 2017 में उन्हें महाराष्ट्र पुलिस सेवा में वापस ले लिया गया। हालांकि इस बीच उन पर अंडरवर्ल्ड के साथ मिलीभगत के आरोप भी लगे। बाद में अदालत ने उन्होंने बेकसूर मान लिया। साल 2019 में प्रदीप शर्मा ने अचानक पुलिस सेवा से वीआरएस ले लिया। इसके बाद उन्होंने राजनीति का रुख किया और शिवसेना (Shiv Sena) में शामिल हो गए। शिवसेना ने प्रदीप शर्मा को मुंबई की नालासोपारा सीट से विधानसभा चुनाव में उतारा, लेकिन वो चुनाव हार गए। उन्हें बहुजन विकास अघाड़ी के उम्मीदवार क्षितिज ठाकुर ने मात दे दी। सीनियर इंस्पेक्टर प्रदीप शर्मा ने 35 साल पुलिस में काम किया। इस दौरान उन्होंने सुर्खियां भी बंटोरी और विवादों में भी रहे। अब प्रदीप शर्मा अपनी एनजीओ चलाते हैं।