इस चुनाव में यूपी-बिहार के 200 कद्दावर नेताओं को नहीं मिलेगा टिकट
लोकसभा चुनाव सिर पर सवार है। प्रमुख दलों में प्रत्याशियों की घोषणा चल रही है। लेकिन कुछ नेताओं के अरमानों पर पानी फिरने वाला है... क्योंकि जब ये लिस्ट निकलना समाप्त होंगी तब तक सैकड़ों नेताओं के टिकट कट चुके होंगे। क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार पार्टियों ने गठबंधन के साथियों के लिए अधिक सीटें छोड़ी हैं।
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव सिर पर सवार है। प्रमुख दलों में प्रत्याशियों की घोषणा चल रही है। लेकिन कुछ नेताओं के अरमानों पर पानी फिरने वाला है... क्योंकि जब ये लिस्ट निकलना समाप्त होंगी तब तक सैकड़ों नेताओं के टिकट कट चुके होंगे। क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार पार्टियों ने गठबंधन के साथियों के लिए अधिक सीटें छोड़ी हैं। ऐसे में बागी नेताओं की एक बड़ी संख्या होगी जो निर्दलीय खड़े होंगे और अपनी ही पार्टी की जड़ों में मट्ठा डालेंगे।
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यूपी की बात करें तो सपा, बसपा और रालोद के गठबंधन के बाद इन दलों के करीब 100 नेता पैदल होने वाले हैं।
बिहार में बीजेपी और जदयू गठबंधन के बाद दोनों दलों के करीब 50 नेता पैदल होंगे।
पिछले चुनाव में बीजेपी, लोकजनशक्ति पार्टी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का गठबंधन था। कुशवाहा अब पाला बदल चुके हैं।
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महागठबंधन की बात करें तो राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, आरएलएसपी और बाकी दलों के भी करीब 50 नेता टिकट की दौड़ में पिछड़ जाएंगे।
अब अगर देश के बाकी राज्यों की बात करें तो लगभग 1000 ऐसे नेता होंगे जिनका टिकट कटेगा। ऐसे में ये निर्दल चुनाव लड़ने का मन बना सकते हैं। इसलिए पार्टी कोशिश करेंगी कि इन्हें किसी तरह शांत रखा जाए और दूसरी पार्टी के नेता खड़े हो और वोट काटें। वो इसलिए क्योंकि यदि निर्दलीय प्रत्याशी को 10,000 वोट भी मिल जाते हैं तो वो अपनों का ही खेल ख़राब करेगा।