यहां एक वोटर के लिए पूरा दिन पैदल चलकर आते हैं चुनाव अधिकारी, जानें वजह

दरअसल अनजॉ जिले के मालोगम गांव में एक महिला रहती हैं, जिनका नाम है सोकेला तयांग। सोकेला ही वो महिला हैं, जिनके लिए आयोग की पूरी टीम वहां पोलिंग स्टेशन तैयार कर रही है। यह महिला अपने परिवार के साथ रह रही हैं।

Update:2019-03-26 12:40 IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी है, ताकि लोकतंत्र का हर एक प्रहरी मतदान कर सके। ऐसे में चुनाव आयोग ऐसे दुर्गम स्थानों पर भी वोटिंग की व्यवस्था कर रहा है, जहां पहुंचने में उसको काफी दिक्कतों का समाना करना पड़ता है। लेकिन आयोग उसके लिए व्यवस्था करता है।

आप सोच रहे होंगे उन पहाड़ी क्षेत्रों के बारे में नि पर लोग तो रहते हैं लेकिन वहां आम लोगों का जाना मुश्कित होता है। जी हां हम अरुणाचल प्रदेश के एक ऐसे सीट का है, जहां एक पोलिंग सेंटर पर सिर्फ एक मतदाता वोट देती हैं और वहां पहुंचना काफी मुश्किल है। तो आइये जानते उस सीट का हाल...

ये भी पढ़ें— मोदी बताएं कि वह ‘न्याय’ योजना के पक्षधर हैं या विरोधी: कांग्रेस

यह पोलिंग स्टेशन अरुणाचल प्रदेश के अनजॉ जिले में है, जो भारत-चीन बॉर्डर के पास है। खास बात यह है कि यह इतने दुर्गम स्थान पर है कि यहां पहुंचने के लिए चुनाव आयोग की टीम को करीब एक दिन तक पैदल चलकर यहां पहुंचना पड़ता है। इस सीट पर खास बात ये है कि यहां वोट डालने वाले मतदाता की संख्या है एक।

आयोग की टीम एक वोटर के लिए वहां पूरा पोलिंग स्टेशन तैयार करते हैं। उनका मतदान करवाने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारियों को बीहड़ और दुर्गम रास्तों पर पूरा एक दिन पैदल चलना पड़ता है।

दरअसल अनजॉ जिले के मालोगम गांव में एक महिला रहती हैं, जिनका नाम है सोकेला तयांग। सोकेला ही वो महिला हैं, जिनके लिए आयोग की पूरी टीम वहां पोलिंग स्टेशन तैयार कर रही है। यह महिला अपने परिवार के साथ रह रही हैं।

ये भी पढ़ें— 28 मार्च को दो दिवसीय दौरे पर अमेठी आएंगी प्रियंका गांधी

ऐसा नहीं है कि इस जगह एक ही परिवार रहता है, यहां कई परिवार हैं। लेकिन उनका पोलिंग स्टेशन दूसरा है। इससे पहले यहां इस पोलिंग स्टेशन पर दो मतदाता थे, जिसमें उनके उनके पति का नाम शामिल था। अब उनके पति जेनेलम तयांग का नाम दूसरे स्टेशन में आता है। बता दें कि इस बार पहले चरण में अरुणाचल प्रदेश में मतदान होगा।

Tags: