लखनऊः सूबे के संसदीय कार्य और नगर विकास मंत्री आजम खान ने एक बार फिर राज्यपाल राम नाईक पर निशाना साधा है। मंगलवार को आजम ने विधानसभा में कहा, ‘जो आईना दूसरों को दिखाया जाए, उसका रुख अपनी तरफ करना भी जरूरी है।’ हालांकि, अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने उन्हें टोकने की कोशिश की, लेकिन आजम नहीं रुके।
राज्यपाल नाईक ने इसकी जानकारी मिलने पर विधानसभाध्यक्ष से आजम के बयान की असंपादित प्रति और सीडी तुरंत मुहैया कराने को कहा है। बता दें कि जिस बिल को लेकर आजम खफा हैं, उसी मुद्दे पर बीती 8 मार्च को भी उन्होंने नाईक पर निशाना साधा था।
क्या है मामला?
आजम के ताजा हमले की वजह राजभवन में लंबित वह बिल था, जिसके जरिए मेयरों के अधिकारों पर अंकुश लगना है। राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश वित्तीय अधिष्ठानों में जमाकर्ता हित संरक्षण विधेयक-2015 के बारे में कुछ सुझाव दिए थे। राम नाईक ने बिल को राष्ट्रपति की स्वीकृति देने के बाद उत्तर प्रदेश वित्तीय अधिष्ठानों में जमाकर्ता हित संरक्षण विधेयक- 2015 को वापस लेने के केंद्र के आदेश मानने को कहा था।अध्यक्ष ने सदन में पत्र पढ़कर कहा कि बिल को वापस लेने पर विचार किया जाए।
पत्र का मजमून सुन भड़के आजम
अध्यक्ष के पत्र पढ़ते ही आजम खां खड़े हो गए और एतराज जताते हुए कहा कि विधेयक को राजभवन में रोकने की वजह भी बतानी चाहिए ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। आजम ने कहा कि जिस तरह इस विधेयक के बारे में कहा जा रहा है उसी तरह अन्य लंबित विधेयकों को भी लेकर तत्परता दिखानी चाहिए। वह बोले कि जो आईना दूसरों को दिखाया जाए, उसका रुख अपनी तरफ करना भी जरूरी है। आजम यहीं नहीं रुके और लंबित विधेयकों को लेकर दर्द जताया। उन्होंने कहा कि अगर बिल में कोई कमी है तो वह बताया जाए उस को सुधार लेंगे या बिल वापस ले लेंगे।