बाबू सिंह ने कहा हमसे भूल हो गई, हमें माफी दे दो
सिर मुढ़ाते ही ओले पड़ने की कहावत तो आपने सुनी हो होगी। कुछ ऐसा ही हाल इस समय कांग्रेस व जन अधिकार पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार के साथ हो रहा है। उम्मीदवार की घोषणा होने के बाद गठबंधन उम्मीदवार का बुधवार को संसदीय क्षेत्र में दूसरा कार्यक्रम था। और उसे चुनाव आयोग ने बीच में ही रोक दिया। यहां तक कि जन अधिकार मंच के मुखिया को कहना ही पड़ा कि हमसे भूल हो गई हमका माफी दय दो।
लखनऊ: सिर मुढ़ाते ही ओले पड़ने की कहावत तो आपने सुनी हो होगी। कुछ ऐसा ही हाल इस समय कांग्रेस व जन अधिकार पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार के साथ हो रहा है। उम्मीदवार की घोषणा होने के बाद गठबंधन उम्मीदवार का बुधवार को संसदीय क्षेत्र में दूसरा कार्यक्रम था। और उसे चुनाव आयोग ने बीच में ही रोक दिया। यहां तक कि जन अधिकार मंच के मुखिया को कहना ही पड़ा कि हमसे भूल हो गई हमका माफी दय दो।
हाल ही में कांग्रेस ने बसपा से निष्कासित पूर्व कैबिनेट मंत्री बाबू सिंह की पार्टी जन अधिकार से हाथ मिला लिया था। साथ ही कांग्रेस ने उन्हें प्रदेश में 7 सीटें भी दे दी हैं। इनमें से झांसी संसदीय सीट उनके खाते में गई है। यहां से जन अधिकार पार्टी के मुखिया ने अपने भाई एड. शिवशरण कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि उन्हें कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध के आगे घुटने टेकते हुए कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर ही लड़ना स्वीकारना पड़ा।
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बुधवार को कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए अनुमति भी ले रखी थी। लेकिन कार्यक्रम नियत समय शाम 4 बजे के बाद भी जारी रहा। इसकी खबर जब चुनाव आयोग को लगी। तो चुनाव आयोग की टीम ने उनके कार्यक्रम को रोक दिया। इस संबंध में जब जन अधिकार पार्टी सुप्रीमो बाबू सिंह से सवाल किया गया कि उनके सम्मेलन को क्यों रोका गया।
इस पर उन्होंने कहा अगर हमारी गलती हुई है और कुछ मिनट की देरी हुई है तो हम चुनाव आयोग से माफी मांगते हैं। ये चुनाव आयोग है भईया! अब सबकुछ प्रशासन के हाथ में है। यदि प्रशासन कानून पर आ गया तो फिर क्या कहने?