UP: आखिर क्या थी इनकी खता? मेधावियों के सम्मान में 10वीं के बच्चों को भूले

Update: 2018-05-29 10:40 GMT

लखनऊ: आखिर क्या खता थी, सीबीएसई के दसवीं के मेधावियों की, जो वो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के हाथों सम्मानित नहीं हो सके? बात कुछ न कुछ तो जरूर रही होगी, तभी तो 29 मई को मेधावियों के सम्मान समारोह में यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटर, आईसीएसई के 10वीं व 12वीं तथा सीबीएसई के बारहवीं के मेधावियों का सम्मान किया गया गया, लेकिन सीबीएसई के दसवीं के बच्चे दरकिनार कर दिए गए।

असल में जिस वक्त आज मेधावियों का सम्मान किया जा रहा था, उस वक्त तक सीबीएसई के दसवीं का रिजल्ट घोषित नहीं हुआ था। तभी तो जिस समय मंच पर मेधावियों का नाम पुकारा जा रहा था उस समय दसवीं के बच्चे रिजल्ट के इंतजार में कम्प्यूटरों के सामने बैठे हुए थे।

प्रदेश सरकार की मशीनरी की ये हद दर्जे की लापरवाही ही कही जाएगी, कि मेधावियों का सम्मान इस जल्दबाजी में कर दिया गया जबकि बोर्ड के पूरे रिजल्ट ही घोषित नहीं हुए थे। सम्मान समारोह अगर एक दिन बाद आयोजित किया जाता तो दसवीं के बच्चे भी इसमें शामिल हो पाते। अब या तो अफसरों-मंत्रियों को दसवीं के रिजल्ट की खबर ही नहीं थी, या फिर सब बच्चों को एक साथ सम्मानित करने के लिए हुक्मरानों के पास आगे कोई समय नहीं था।

इस लापरवाही का अंजाम ये हुआ कि सीबीएसई के 12वीं में 499 नंबर पाने वाले तो सम्मानित हो गए, लेकिन वो बच्चे जो दसवीं में 499 नंबर लाए उन्हें मन मसोसकर रह जाना पडा।

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