केरल के मतदाताओं की हैं ये प्राथमिकताएं, सरकार को दी इतनी रेटिंग

एडीआर के इस सर्वेक्षण में 534 लोकसभा निर्वाचन-क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया, जिसमें विभिन्न जनसांख्यिकी के 2,73,479 मतदाताओं ने भाग लिया। इस सर्वेक्षण के तीन मुख्य उद्देश्य थे, शासन के विशिष्ट मुद्दों पर मतदाताओं की प्राथमिकताएं, उन मुद्दों पर सरकार के प्रदर्शन की मतदाताओं द्वारा रेटिंग और मतदान के व्यवहार को प्रभावित करने वाले कारक।

Update:2019-04-16 19:54 IST

लखनऊ: एडीआर के इस सर्वेक्षण में 534 लोकसभा निर्वाचन-क्षेत्रों को सम्मिलित किया गया, जिसमें विभिन्न जनसांख्यिकी के 2,73,479 मतदाताओं ने भाग लिया। इस सर्वेक्षण के तीन मुख्य उद्देश्य थे, शासन के विशिष्ट मुद्दों पर मतदाताओं की प्राथमिकताएं, उन मुद्दों पर सरकार के प्रदर्शन की मतदाताओं द्वारा रेटिंग और मतदान के व्यवहार को प्रभावित करने वाले कारक।

यह सर्वेक्षण 31 सूचीबद्ध मुद्दों जैसे पेयजल, बिजली, सड़कें, भोजन, स्वास्थ्य, सार्वजनिक परिवहन इत्यादि पर मतदाताओं की प्राथमिकताओं पर प्रकाश डालता है, जो कि उनके संबंधित क्षेत्र में उनके जीने की स्थिति को बेहतर बनाने में इनकी क्षमता, शासन और विशिष्ट भूमिका के अनुसार तय किये गये हैं।

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सर्वेक्षण में एक त्रिस्तरीय पैमाने ‘अच्छा’, ‘औसत’ और ‘बुरा’ का इस्तेमाल किया गया, जहां अच्छा को पांच, औसत को तीन और बुरा को एक अंक दिये गये। हम आपको केरल के मतदाताओं की राय बताते हैं। इस सर्वेक्षण में केरल के 20 लोकसभा क्षेत्रों के करीब 10000 लोग शामिल हुए। सर्वे में रेटिंग के लिए 5 अंक रखे गए हैं। इसमें 3 नंबर को औसत और 1 को खराब प्रदर्शन माना गया है।

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केरल सर्वेक्षण 2018 के मुताबिक प्रदेश के मतदाताओं की बेहतर रोजगार (47.42%), बेहतर अस्पतालों/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र(45.24%) और पीने का पानी (44.77%) मुख्य प्राथमिकताएं हैं। साथ ही मतदाताओं ने इन मुख्य तीन प्राथमिकताओं को लेकर सरकार को बेहतर रोजगार (5 में से 1.95), बेहतर अस्पतालों/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र(2.07) और पीने का पानी (2.10) रेटिंग दी है जो औसत से नीचे है।

ग्रामीण केरल के मतदाताओं की बेहतर रोजगार (49%), बेहतर अस्पतालों/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र(45%) और पीने का पानी (40%) तीन प्रमुख प्राथमिकताए हैं। इसके अलावा ग्रामीणों ने सरकार के कामकाज को बेहतर रोजगार के लिए (5 में से 1.93), बेहतर अस्पतालों/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (2.07) और पीने का पानी(2.10) जो औसत से नीचे है। बेहतर सड़क और बेहतर सार्वजनिक परिवहन को लेकर सरकार का केरल ग्रामीण में सरकार का प्रदर्शन बेहद खराब है।

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केरल के शहरी मतदाताओं की पीने का पानी (48%), बेहतर रोजगार के अवसर (46%), और बेहतर अस्पतालों/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र(45%) तीन प्राथमिकताए हैं। इसके साथ ही शहरी मतदाताओं ने पीने का पानी (5 में से 1.93), बेहतर रोजगार के अवसर(1.96) और बेहतर अस्पतालों/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र(1.99) रेटिंग दी है जो औसत से नीचे है।

सार्वजनिक परिवहन और पानी और वायू प्रदूषण पर सरकार का कामकाज बेहद खराब है।

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