नामांकन रद्द: सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तेज बहादुर यादव, EC के खिलाफ दाखिल की याचिका

तेज बहादुर यादव ने गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर वाराणसी से नामांकन किया था, लेकिन पर्चे की जांच के बाद रिर्टनिंग ऑफिसर की ओर से तेज बहादुर यादव को 30 अप्रैल को दो नोटिस जारी किया गया था। नोटिस का जवाब देने के लिए तेज बहादुर यादव को 1 मई सुबह 11 बजे तक का वक्त दिया गया था।

Update: 2019-05-06 13:25 GMT

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी संसदीय सीट से नामांकन करने वाले बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। तेज बहादुर यादव की ओर से नामांकन रद्द करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सोमवार को याचिका दाखिल की है।

चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया था नामांकन

तेज बहादुर यादव ने गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर वाराणसी से नामांकन किया था, लेकिन पर्चे की जांच के बाद रिर्टनिंग ऑफिसर की ओर से तेज बहादुर यादव को 30 अप्रैल को दो नोटिस जारी किया गया था। नोटिस का जवाब देने के लिए तेज बहादुर यादव को 1 मई सुबह 11 बजे तक का वक्त दिया गया था। निर्धारित अवधि में तेज बहादुर यादव अपना जवाब चुनाव आयोग को नहीं सौंप सके।

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लिहाजा उनका नामांकन खारिज कर दिया गया। तेज बहादुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 1 मई को चुनाव आयोग ने सरकार के दबाव में मेरा नामांकन रद्द कर दिया था। मैंने पार्टी फोरम पर बात रखी थी और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की मांग की थी।

शराब पीने पर दी सफाई

तेज बहादुर यादव ने मीडिया में वायरल हो रहे उनके शराब पीते वीडियो पर भी सफाई दी। तेज बहादुर यादव के मुताबिक वायरल हो रहा वीडियो दो साल पुराना है। उन्होंने कहा कि आप देख सकते हैं कि मैं उस दौरान चुपचाप बैठे हूं जबकि कुछ लोग तेज आवाज में बोल रहे हैं। चुनाव के दौरान इस तरह के वीडियो का वायरल होना बेहद शर्मनाक है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ये विरोधी पार्टियों की साजिश है लेकिन वो डरने वाले नहीं हैं।

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