नोटबंदीः किसान के पास नहीं बचे थे दाह संस्कार के पैसे, शव लेकर पहुंचा बैंक
अमरोहाः नोटबंदी के बाद आम से लेकर खास हर कोई परेशान है। 500 और 1000 नोट के बंद होने के बाद स्थितियां बिगड़ गई हैं। यूपी के कई कस्बों और गांवों के हालात इतने ख्राब हैं कि लोगों के पास अंतिम संस्कार तक के पैसे नहीं हैं। अमरोहा के जाया कस्बे के हरासपुरा गांव में एक किसान परिवार की महिला लखबीरी(60) की सोमवार को मौत हो गई। परिवार के पास कैश में अंतिम संस्कार तक के लिए पैसे नहीं थे। परिवारीजन सोमवार को महिला का शव लेकर ट्रैक्टर से हाईवे किनारे स्थित एसडीएफसी बैंक पहुंचेे।
परिजनों ने बैंक अफसरों से जल्द रुपए निकलवाने के लिए गुजारिश की मन्नतें की। परिजनों ने कहा कि जब तक पेैसा नहीं मिलेगा हम नहीं जाएंगे। बैंक कर्मियों ने एटीएम से पैसे निकालने को कहा। उनके घर का एक सदस्य एटीएम की लाइन में लगा। लोगों से अनुरोध किया, लेकिन उसे आगे नहीं जाने दिया गया। आखिरकार तीन घंटे मशक्कत के बाद बैंक से दो हजार रुपए निकले। परिजनों ने देर रात ब्रजघाट में लखबीरी का अंतिम संस्कार किया।
भतीजे महतार ने बताया कि लखबीरी बुधवार से पीड़ित थी। कुछ दिन पहले उन्हें अमरोहा के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। इसी बीच, नोटबंदी का फैसला हो गया। घर वाले नए नोट के लिए कभी बैंक तो कभी एटीएम के चक्कर लगाते रहे। कफी दिक्कतों के बाद जो नए नोट मिलते, उससे इलाज कराते। पर, पैसा इलाज के लिए पर्याप्त नहीं हुआ हिम्मत जवाब देने लगी तो उन्हें घर ले आए। रविवार देर रात उनकी मौत हो गई।