न्यूट्रीस्लिम की हालत होगी पतली, हाईकोर्ट ने दिया कार्रवाई का आदेश

Update: 2016-08-31 13:48 GMT

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मोटापा कम करने का दावा करने वाली दवा 'न्यूट्रीस्लिम पाउडर और न्यूट्रीस्लिम कैप्सूल' की निर्माता कंपनी के खिलाफ शिकायत पर केंद्र सरकार को कार्रवाई के आदेश दिए हैं। चीफ जस्टिज दिलीप बी भोसले और जस्टिस राजन रॉय की बेंच ने यह आदेश हरिशंकर पांडेय की जनहित याचिका पर दिया।

क्या कहा है याची ने?

याचिका में मांग की गई कि कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दे कि वह ड्रग्स और कॉस्मेटिक्स एक्ट- 1940 की धारा- 33 ईईडी के तहत 'न्यूट्रीस्लिम पाउडर और न्यूट्रीस्लिम कैप्सूल' के निर्माण और बिक्री पर रोक लगाए। याची की ओर से दलील दी गई कि इस दवा के बारे में निर्माता की ओर से दावा किया जाता है कि इसके सेवन से वजन और मोटापा कम होता है। जबकि यह एक हानिकारक दवा है, जिससे स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।

कोर्ट ने कहा....

इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि यदि याची इस संबंध में एप्लीकेशन देता है तो तथ्यों पर कानून के मुताबिक आठ सप्ताह के भीतर फैसला किया जाए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सरकार दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई करने का फैसला करती है तो उसे भी सुनवाई का अवसर प्रदान किया जाए।

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