HC ने कहा- DM को नहीं है उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार, ये हक़ बस सिविल कोर्ट को
लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने स्पष्ट किया है कि उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (सक्सेसन सर्टिफिकेट) जारी करने का अधिकार सिर्फ सिविल कोर्ट को ही है। जिलाधिकारी (डीएम) मात्र 5,000 रुपए के सरकारी प्रतिभूतियों या प्रॉमिजरी नोट के भुगतान के संबंध में प्रमाण पत्र जारी कर सकता है।
यह स्पष्टीकरण जस्टिस एपी साही और जस्टिस संजय हरकौली की खंडपीठ ने नंदिनी सदाशिव दुबे सहित एक अन्य की ओर से दाखिल याचिका का निस्तारण करते हुए दिया।
उन्नाव के डीएम ने जारी किया था
याचिकाकर्ता ने याचिका में बनाए गए प्रतिवादी संख्या-3 को मिले प्रमाण पत्र पर आपत्ति जताई कि उक्त प्रमाण पत्र पर शीर्षक के रूप में उत्तराधिकार प्रमाण पत्र लिखा है। इसे जिलाधिकारी उन्नाव ने जारी किया है। दलील दी गई कि डीएम को उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार नहीं है।
मात्र सरकारी प्रतिभूति ही जारी कर सकते
इस पर कोर्ट के द्वारा जवाब मांगे जाने पर राज्य सरकार के वकील ने जिलाधिकारी का एक पत्र पेश किया। जिसमें स्पष्ट किया गया कि जिलाधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र मात्र 5,000 रुपए के सरकारी प्रतिभूतियों या प्रामिजरी नोट के लिए ही मान्य है।