लोकसभा चुनाव : सपना चौधरी के पहले भी ग्लैमर की दुनिया ने बदले हैं दल
राजनीतिक क्षेत्र में नेताओं को तो दल बदलते खूब देखा है लेकिन कभी इस बात पर गौर नहीं किया गया कि नेताओं के साथ ही अभिनेता भी दल खूब बदलते हैं। गायिका सपना चौधरी के पहलेे ग्लैमर की दुनिया के कई ऐसे नामी गिरामी सितारें हैं जो कभी एक दल में नहीं रहे।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ : राजनीतिक क्षेत्र में नेताओं को तो दल बदलते खूब देखा है लेकिन कभी इस बात पर गौर नहीं किया गया कि नेताओं के साथ ही अभिनेता भी दल खूब बदलते हैं। गायिका सपना चौधरी के पहलेे ग्लैमर की दुनिया के कई ऐसे नामी गिरामी सितारें हैं जो कभी एक दल में नहीं रहे। सेलिब्रिटीज ने कभी किसी दल के लिए तो कभी किसी और दल के लिए प्रचार प्रसार किया। पिछले दो तीन दिनों से हरियाणा की सुप्रसिद्ध गायिका और डांसर सपना चौधरी का पहले कांग्रेस में शामिल होने और बाद में शामिल होने से इंकार करने को लेकर खूब चर्चा हो रही है कि केवल दो दिनों के अंदर ही सपना चौधरी कैसे अपनी बात से मुकर गयी।
बदली आस्था
सपना चौधरी ग्लैमर की दुनिया की कोई पहली स्टार नहीं है जिन्होंने राजनीतिक दल के प्रति अपनी आस्था बदली हो उनके पहले न जाने कितने ऐसे सितारे रहे हैं जिन्होंने दलों के प्रति निष्ठा बदलने का काम किया है।
अब चाहे लोकसभा का चुनाव हो अथवा विधानसभा का, हर चुनाव में अभिनेता अपने नए चोले में भूमिका करने को तैयार रहते हैं। इनमें से कई अभिनेता तो एक ही चुनाव में अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग दलों के लिए प्रचार करते हैं।
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संजू बाबा को सपा ने महासचिव बनाया चुनाव लड़े कांग्रेस से
2009 के लोकसभा की चुनावी तस्वीर देखे तो यह चुनाव फिल्मी सितारों के हिसाब से बेहद दिलचस्प रहा। फिल्म अभिनेता संजय दत्त लखनऊ की लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ना चाहते थें लेकिन अयोग्य घोषित हो जाने के बाद जब वह चुनाव नहीं लड़ सके तो उन्हे समाजवादी पार्टी ने अपना राष्ट्रीय महासचिव बना दिया लेकिन दो साल बाद जब यूपी में विधानसभा के चुनाव हुए तो वह कांग्रेस का प्रचार करते नजर आए।
जया प्रदा भी आजम के खिलाफ आ सकती हैं मैदान में
वहीं समाजवादी पार्टी की राज्यसभा सांसद रही जयाप्रदा ने भी इस चुनाव में अमर सिंह के लोकमंच का प्रचार किया। लेकिन अब एक बार फिर जया प्रदा चर्चा में है और कहा जा रहा है कि वह भाजपा में शामिल होकर समाजवादी पार्टी के रामपुर के प्रत्याशी मो आजम खां के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने जा रही है।
नफीसा ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा प्रचार किया कांग्रेस का
मिस इंडिया से फिल्मी दुनिया और फिर राजनीति के क्षेत्र में उतरने वाली नफीसा अली ने साल 2009 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ संसदीय सीट से लड़ा लेकिन जब उन्हे समाजवादी पार्टी नहीं समझ आई तो 2012 के विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस का प्रचार करने उतर पड़ी।
इसी तरह 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में अभिनेता विवेक ओबेराय ने अपने पिता सुरेश ओबेराय के साथ लखनऊ में अटल सरकार की तारीफ करते हुए जमकर चुनाव प्रचार किया।
8 साल बाद 2012 के विधानसभा चुनाव में उनकी दलीय निष्ठा बदल गयी और वह अजित सिंह के दल रालोद के साथ हो लिए। उन्होंने रालोद प्रत्याशियों के प्रचार के लिए खूब मेहनत की। इसी चुनाव में अभिनेत्री रवीना टंडन ने भी भाजपा के पक्ष में खूब प्रचार किया था। 2012 के विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस को जिताने की अपील घूमघूम कर रही थी।
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तब अभिनेत्री पूनम ढिल्लो ने भी भाजपा का प्रचार किया था लेकिन फिर 2012 के विधानसभा चुनाव में वह अपनी साथी अभिनेत्री पद्मिनी कोल्हापुरे के साथ ममता बनर्जी की त्रणमूल कांग्रेस के लिए वोट मांग रही थी।
अभिनेता राजबब्बर कभी समाजवादी पार्टी का प्रचार प्रसार किया करते थें लेकिन अब वह यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। इसी तरह 2002 के विधानसभा चुनाव में कामेडियन असरानी डीपी यादव के परिवर्तन दल के साथ खडे़ थे और उन्होंने उनके प्रत्याशियों के लिए खूब पसीना बहाया लेकिन फिर 2009 के लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस के साथ हो लिए।
ये भी आए सामने
उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशियों को जिताने के लिए कई जगह मंच साझा किया। राजनीति में अभिनेता-अभिनेत्रियों का प्रचार प्रसार करना कोई नई बात नहीं है । फिल्मी दुनिया के इन लोगों में से कुछ को तो प्रचार करते-करते राजनीति इतनी भा गई वह इसी क्षेत्र में आ गए।
विनोद खन्ना, हेमामालिनी, राजबब्बर, शत्रुघ्न सिन्हा ने फिल्मों के अलावा राजनीति की उंचाईयों को छूने का का काम किया। जबकि अमिताभ बच्चन, गोविंदा, राजेश खन्ना, धर्मेन्द्र राजनीति की उंचाईयों को छूने के बाद उसे बरकरार नहीं रख सके।
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