लोकसभा चुनाव: कल्पनाथ राय के बाद यहां कांग्रेस चली गई हाशिए पर

पूर्वांचल में 1990 के दशक के पहले कांग्रेस और वामपंथ का दबदबा हुआ करता था, जो समय के साथ उनके दबदबे में कमी आयी। उस दबदबे को क्षेत्रीय दलों के उदय के साथ समाप्त हो गया।

Update: 2019-05-12 14:51 GMT

धनंजय सिंह

लखनऊ: पूर्वांचल में 1990 के दशक के पहले कांग्रेस और वामपंथ का दबदबा हुआ करता था, जो समय के साथ उनके दबदबे में कमी आयी। उस दबदबे को क्षेत्रीय दलों के उदय के साथ समाप्त हो गया।

पूर्वांचल के मऊ जिले की घोसी लोकसभा सीट पर 1991 में कल्पनाथ राय को दूसरी बार जीत मिली, लेकिन इसके बाद से कांग्रेस पार्टी घोसी सीट पर अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने के लिए बेचैन है।

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आजादी के बाद देश में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव वर्ष 1952 में इस सीट पर अलगू राय शास्त्री और वर्ष 1957 में उमराव सिंह कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीते। इसके बाद से इस सीट पर वामपंथ का कब्जा हो गया।

वर्ष 1962 के लोकसभा चुनाव में सीपीआई से जय़ बहादुर सिंह, वर्ष 1969 और 1971 में सीपीआई से झारखन्डे राय दो बार सांसद चुने गये। वर्ष 1977 में इस सीट पर जनता पार्टी के शिवराम राय ने जीत दर्ज की। वर्ष 1980 में एक बार फिर सीपीआई से झारखंडे राय चुनाव जीतने में कामयाब रहे लेकिन इसके बाद इस सीट पर वामपंथियों का वर्चस्व भी समाप्त हो गया।

इसके बाद वर्ष 1984 से 1991 तक हुए तीन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने लगातार विजय दर्ज कर अपनी हैट्रिक पूरी की। वर्ष 1984 में राजकुमार राय, वर्ष 1989 और 1991 में कल्पनाथ राय लगातार दो बार कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीते। इसके बाद से यह सीट कांग्रेस पार्टी के हाथों से ऐसे फिसली की दोबारा हाथ नहीं लग सकी।

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वर्ष 1996 के आम चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने जब कल्पनाथ राय निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे और उनको जनता ने भारी मतों से विजयी बनाकर संसद में भेजा। इसके बाद उन्होंने समता पार्टी के टिकट पर वर्ष 1998 में भी विजय दर्ज की। वर्ष 1999 के मध्यावधि चुनावों के बाद से वर्ष 2014 तक क्षेत्रीय दलों ने इस सीट पर कब्जा कर लिया।

वर्ष 1999 में बसपा के बालकृष्ण, 2004 में सपा के चन्द्रदेव राजभर, वर्ष 2009 में बसपा के दारा सिंह चौहान ने जीत दर्ज की। वर्ष 2014 के आम चुनावों में मोदी लहर पर सवार भाजपा के प्रत्याशी हरिनारायण राजभर ने आजादी के बाद पहली बार इस सीट पर कमल खिला दिया।

घोसी लोकसभा सीट पर विजयी प्रत्याशियों पर गौर करें तो चार बार कल्पनाथ राय, और झारखंडे राय ने तीन बार जीत हासिल की।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी की सक्रियता से कांग्रेसियों का उत्साह तो बढ़ा है लेकिन यह उत्साह कितना वोटों में बदलेगा, यह तो समय ही बताएगा। फिलहाल अभी तक पार्टी ने इस सीट पर बसपा से निष्कासित पूर्व सांसद बाल कृष्ण चौहान को घोसी से उम्मीदवार बनाया है।

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