माया-अखिलेश के इंकार के बाद अब 24 को दिल्ली में होगी विपक्षी दलों की बैठक
राजनीतिक खेमों में इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि एग्जिट पोल के नतीजों में राजग को फिर से सरकार बनाने की स्थिति में होने के बावजूद विपक्ष अभी अपनी हार स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।;
लखनऊ: संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में विपक्षी दलों की बैठक अब 24 मई को होगी। पहले यह बैठक 23 मई को बुलाई गयी थी लेकिन बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमों मायावती और समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव द्वारा 23 मई की बैठक में पहुंचने से इनकार के बाद अब यह बैठक मतगणना के अगले दिन होगी। यह भी खबर मिल रही है कि इस बैठक में मायावती के स्थान पर उनके प्रतिनिधि के तौर पर सतीश चद्र मिश्र शामिल होंगे।
ये भी पढ़ें— ‘चौकीदार’ से खाकी अंडरवियर : इस चुनाव में नेताओं ने लांघी सारी हदें
बीते शनिवार को तेलगू देशम पार्टी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने राजधानी लखनऊ पहुंच कर सपा मुखिया अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमों मायावती से मुलाकात कर उन्हे आगामी 23 मई को संप्रग अध्यक्ष की अगुवाई में विपक्षी दलों की बैठक में आमंत्रित किया था। सूत्रों के मुताबिक बसपा सुप्रीमों ने मुलाकात के दौरान ही नायडू से इस बैठक में पहुंचने मेें असमर्थता जता दी थी लेकिन सपा मुखिया अखिलेश यादव ने नायडू को भरोसा दिलाया था कि वह बसपा सुप्रीमों से बात कर उन्हे समझा लेंगे।
इसके बाद अखिलेश के समझाने पर मायावती ने बैठक से पूर्व सोमवार को ही दिल्ली जा कर सोनिया गांधी, राहुल गांधी व नायडू से बात करने की खबर आई। इसी बीच रविवार को सातवें चरण के मतदान के बाद मीडिया समूहों द्वारा दिखाये गये एग्जिट पोल में लगभग सभी एजेंसियों के सर्वे में एनडीए को भारी बढ़त दिखायी गयी। इसके बाद मायावती ने दिल्ली जाने का अपना कार्यक्रम रदद कर दिया।
ये भी पढ़ें— कार्यकर्ताओं ने हवन-पूजन कर काली माता का लिया आशीर्वाद कहा-Modi Once Again
इसके बाद सोमवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव जब बसपा सुप्रीमों के आवास पहुंचे तब उनकी दिल्ली में नायडू से बात हुई और उन्होंने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात कर के बैठक एक दिन के लिए टाल दी। इधर बसपा के एक नेता के मुताबिक मायावती नहीं बगैर चुनाव नतीजों के किसी भी बैठक में शामिल होने के पक्ष में नहीं है। उनका मानना है कि जब यह ही नहीं मालूम हो कि किसकी कितनी सीटे है तो प्रस्तावित सरकार में भागीदारी कैसे तय होगी।
राजनीतिक खेमों में इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि एग्जिट पोल के नतीजों में राजग को फिर से सरकार बनाने की स्थिति में होने के बावजूद विपक्ष अभी अपनी हार स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। यही कारण है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू हर रोज बैठकों का दौर जारी रखे हुए हैं। इसके तहत उन्होंने संप्रग मुखिया सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार, माकपा नेता सीताराम येचुरी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती के अलावा ममता बनर्जी व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिल चुके हैं।
ये भी पढ़ें— 2019 का चुनाव परिणाम एग्जिट पोल के अनुरूप ही होगा: जेटली