तुमको न भूल पाएंगे: जब मौत की खबर पर याद आया, मुझे वो 8 घंटे का सफर

Update:2016-04-02 14:11 IST

लखनऊ: आज जब प्रत्यूषा की मौत की खबर सुनी तो उसके साथ बिताए वो आठ घंटे आंखों के सामने उतर आए। तब मैं ईटीवी में काम करती थी। छुट्टियों में हैदराबाद से घर आई थी। किसी निजी काम की वजह से रांची जाना हुआ। उसी दरम्यान मुझे रांची से कोलकता जाना पड़ा, जर्नी तो हमेशा रोमांचक होती है, लेकिन ये जर्नी कुछ ज्यादा ही इंटरेस्टिंग रही। जर्नी से पहले हमें पता नहीं था कि किसी एक्ट्रेस के साथ इतना पल गुजारना पड़ेगा। वैसी तो इंडस्ट्री में कई फीमेल एक्ट्रेस फ्रेंड है, लेकिन इनकी बात ही कुछ अलग निकली। इन्हें फ्रेंड नहीं 6-8 घंटे का हमसफर कह सकते हैं।

आमी एकटो-एकटो बांग्ला जानी

हुआ यूं कि 2009 में मैं रांची स्टेशन में ट्रेन का वेट कर रही थी, वहीं प्रत्युषा से मुलाकात हुई। वैसे तो वो फ्लाइट से जाने वाली थीं, लेकिन शायद किस्मत को हमदोनों को मिलाना लिखा था। यहीं वजह रहीं होगी की उसने ट्रेन में सफर किया। मैं सेकेंड एसी में वो फर्स्ट एसी में थी। उसने पहली बार में कहां हाय, मैंने हैलो में जवाब दिया थोड़े संकोचित लहजे में। फिर उसने पूछा कोलकता जाबे। मैंने कहा-हां। उसने कहा बैंगोली, मैंने कहां नहीं। आमी एकटो-एकटो बांग्ला जानी। वो हंस पड़ी। कहा- सो इंटरेस्टिंग। हमसे पूछा किसमें बर्थ है मैंने कहा- सेकेंड एसी में। बोली मैं फर्स्ट एसी में। उससे क्या होता है अब तो साथ सफर गुजारना है। मिलते रहेंगे। मैंने उससे कहा-तुम्हें कहीं देखा है तो वो हंस पड़ी।

खुद बनी बेवकूफ

हंसना लाजिमी भी था क्योंकि वो बालिका बधु में काम कर रहीं थी। मैं रीयल में देखकर पहचान न सकीं और मुझे उस वक्त वो डाउन टू अर्थ लगी। हमने थोड़ी बहुत मस्ती की साथ में कुछ खाया भी। जिसके पैसे प्रत्युषा ने ही दिए थे। बातचीत के दरम्यान उसने मेरे बारे में पूछा और थोड़ा बहुत खुद के बारे में बताया। उसने अपनी फैमिली की फोटो भी दिखाई। कहा-बहुत सिंपल फैमिली है। मां-बाबा की लाडली हूं, बचपन से ही डांस का शौक रहा। स्टेज परफॉरमेंस भी दिए है। सो मैंने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा। बाय लक मेरा सलेक्शन हो गया। आज तुम सबकी आनंदी हूं। मैंने पूछा स्टारडम पाकर कैसा लगता है तो कहा कि बहुत अच्छा, लोगों के बीच पहचान बन गईं।

स्टार होकर भी नहीं थीं स्टार

आज मुझे सब जानते हैं। अब मुश्किल इसे बनाए रखने में है। इसी तरह की बहुत सी बातों के साथ हमारा सफर चलता रहा। हम कोलकता पहुंचे। उसने कहा-फिर मिलेंगे। मैंने उससे कहा-काश मेरे पास कैमरा होता तो वो पल कैद कर लेती तो उसने मेरे गालों को चुमते हुए कहा-तुम बहुत इनोसेंट हो, तुम्हारे साथ अच्छा लगा। अगली बार मैं तुम्हें कैमरा गिफ्ट करुंगी, हंसते हुए अपनी गाड़ी में बैठकर चली गए। जबतक मैं उसके साथ थीं मुझे नहीं लगा कि मैं किसी स्टार के साथ हूं बस एक आम लड़की झलक उसमें दिखीं।

स्लाइड्स में देखिए प्रत्युषा की कुछ अनदेखी फोटोज

[su_slider source="media: 21736,21735,21734,21733,21732,21731,21730,21729,21728,21727,21726,21725,21739,21740,21741,21742,21743,21744,21746,21745" data-width="620" data-height="440" title="no" pages="no" mousewheel="no" autoplay="0" speed="0"] [/su_slider]

Tags:    

Similar News