MP के CM कमलनाथ व उनके बेटे नकुलनाथ ने नामांकन पत्र किया दाखिल

छिन्दवाड़ा लोकसभा सीट से नौ दफा सांसद रहे कमलनाथ पहली दफा विधानसभा चुनाव में उतर रहे हैं, जबकि नकुलनाथ भी पहली दफा चुनावी राजनीति में उतरते हुए अपने पिता की परम्परागत सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। कमलनाथ वर्ष 1980 में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बने थे।

Update:2019-04-09 16:29 IST

छिन्दवाड़ा: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (72) ने छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से उपचुनाव के लिए और उनके बेटे नकुलनाथ (44) ने लोकसभा चुनाव के लिये छिंदवाड़ा संसदीय सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर मंगलवार को अपने अपने नामांकन पत्र दाखिल किये।

पर्चा दाखिल करने के दौरान दोनों सफेद कुर्ता एवं पायजामा पहने हुए थे । इस मौके पर कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ एवं नकुलनाथ की पत्नी प्रिया नाथ भी उपस्थित थीं। कमलनाथ ने पहले पर्चा दाखिल किया जबकि उनके बेटे नकुलनाथ ने उनके कुछ ही मिनटों बाद नामांकन पत्र दाखिल किया।

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पर्चा दाखिल करने के बाद कमलनाथ एवं नकुलनाथ ने शहर के श्याम टाकीज स्थित राम मंदिर से पूजा पाठ कर रैली निकाली। यह रैली चार फाटक, छोटा तालाब, पावर हाउस, छोटी बाजार, फव्वारा चौक सहित शहर के अन्य मुख्य मार्गो से होते दशहरा मैदान पहुंची, जहां दोनों ने चुनावी सभा को संबोधित किया।

कमलनाथ का मुख्य मुकाबला भाजपा उम्मीदवार विवेक बंटी साहू (38) से होगा, जबकि नकुलनाथ का मुख्य मुकाबला भाजपा उम्मीदवार नत्थन शाह कवरेती से होगा। साहू नया चेहरा है और वर्तमान में मध्यप्रदेश युवा मोर्चा अध्ययन समिति के प्रदेश अध्यक्ष हैं । वह पूर्व में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वहीं, शाह आदिवासी चेहरे, आरएसएस विचारक एवं पूर्व विधायक हैं।

भाजपा नया चेहरा एवं आदिवासी चेहरा उतारकर कांग्रेस को उसके गढ़ में घेरना चाहती है, जबकि कांग्रेस कमलनाथ के परिवार पर भरोसा जता रही है। छिन्दवाड़ा लोकसभा सीट में छिन्दवाड़ा विधानसभा सीट सहित 7 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें से तीन आदिवासी बहुल हैं।

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साहू एवं शाह भी अपना नामांकन पत्र भर चुके हैं।

छिन्दवाड़ा लोकसभा सीट से नौ दफा सांसद रहे कमलनाथ पहली दफा विधानसभा चुनाव में उतर रहे हैं, जबकि नकुलनाथ भी पहली दफा चुनावी राजनीति में उतरते हुए अपने पिता की परम्परागत सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। कमलनाथ वर्ष 1980 में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बने थे।

कमलनाथ ने पिछले साल 28 नवंबर को हुए विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। नियमों के अनुसार उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह माह के अंदर मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक बनना जरुरी है। इसी के मद्देनजर छिन्दवाड़ा सीट के कांग्रेस विधायक दीपक सक्सेना ने त्याग पत्र देकर यह सीट उनके लिए खाली की है। यदि कमलनाथ छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से विजयी होते हैं तो वह अपने लम्बे राजनीतिक जीवन में वह पहली दफा विधायक बनेंगे।

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छिन्दवाड़ा कांग्रेस का गढ़ कहलाता है और कमल नाथ छिन्दवाड़ा लोकसभा सीट से नौ बार सांसद रह चुके है। यह सीट देश की आजादी के बाद से वर्ष 1997 के उपचुनाव को छोड़कर कांग्रेस के पास रही है। वर्ष 1997 में भाजपा ने यह सीट जीती थी। तब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने कमलनाथ को हराया था। कमलनाथ वर्ष 2014 में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से 1,16,000 से अधिक मतों से विजयी हुए थे। छिन्दवाड़ा लोकसभा सीट एवं छिन्दवाड़ा विधानसभा सीट पर 29 अप्रैल को मतदान होना है।

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