ये सर्जिकल स्ट्राइक थी ऑफिशियल, होती गड़बड़ी तो पीएम लेते जिम्मेदारी

Update:2016-10-09 14:25 IST

लखनऊः पिछले 28-29 सितंबर की रात को पीआके में आतंकवादी ठिकाने को नष्ट करने के लिए हुई सर्जिकल स्ट्राइक सरकारी थी और इसे राजनीतिक मंजूरी मिली थी। यदि इसमें कुछ गड़बड़ी होती तो इसकी जिम्मेदारी पीएम नरेंद्र मोदी को लेनी थी। अंग्रेजी अखबार द हिंदू में रविवार को छपी खबर के अनुसार जून 2011 में दो भारतीय सैनिकों के सिर काटे जाने के बाद भी सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी और बदले में तीन पाकिस्तानी सैनिकों के सिर काट दिए थे। इसके अलावा पांच और को मौत के घाट उतार दिया था। उस सर्जिकल स्ट्राइक में सेना ने तीन पाक सैनिकों के सिर, बैज और उनके हथियार साथ लाए थे।

पाकिस्तान ने कुपवाड़ा में 30 जून 2011 को 20वीं कुमायूं रेजीमेंट के जवान हवलदार जयपाल सिंह और लांसनायक देवेन्द्र सिंह की हत्या करने के बाद उनके सिर काट दिए थे। इस खबर से देश में बुरी तरह गुस्सा फैल गया था।

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सेना ने किया था सर्जिकल स्ट्राइक

अखबार ने मेजर जनरल (अवकाश प्राप्त) एस के चक्रवर्ती के हवाले से लिखा है कि इसके जवाब में भारतीय सैनिकों ने ठीक दो महीने बाद 30 अगस्त को सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया लेकिन वो पूरी तरह से बिना राजनीतिक मंजूरी के की गई थी। वो स्ट्राइक ऑफ द रिकॉर्ड थी जिसमें गडबड़ी की जिम्मेवारी सेना के अधिकारियों पर होती और ऐसी हालत में कार्रवाई भी उन पर ही की जाती।

इस ऑपरेशन को दिया गया जिंजर नाम

अखबार के अनुसार 30 अगस्त के तड़के 3 बजे 25 पारा कमांडो पीओके में घुसे जिसे आपरेशन जिंजर नाम दिया गया था। पीओके में पाकिस्तानी सेना की चौकी जोर, हिफाजत और लश्दत को भारतीय जवानों ने अपना निशाना बनाया। करीब 7 बजे उन्होंनें चार पाकिस्तानी सैनिकों को देखा और सभी को मार गिराया। उनमें तीन मर चुके थे और एक घायल था। भारतीय जवानों ने घायल पाकिस्तानी सिपाही का सिर कलम कर दिया था। विस्फोट और फायरिंग की आवाज सुन अन्य पाकिस्तानी सैनिक वहां आए तो भारतीय जवानों ने चार और जवानों को मार गिराया। पूरा आपरेशन 45 मिनट तक चला और भारतीय सैनिक दुश्मन के इलाके में 48 घंटे तक रहे।

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वह सर्जिकल स्ट्राइक थी अनऑफिशियल

एस के चक्रवर्ती के अनुसार जिंजर सर्जिकल स्ट्राइक पूरी तरह से अनऑफिशियल थी जिसकी जानकारी केंद्र सरकार को नहीं दी गई। इसे सेना ने अपनी जिम्मेवारी पर अंजाम दिया था। यदि स्ट्राइक फेल होती या इसमें कोई गड़बड़ी होती तो इसकी जिम्मेवारी सेना के अधिकारियों पर आती और इसकी सजा भी उन्हें ही भुगतनी होती।

उन्होंनें कहा कि 28-29 सितंबर की रात हुई सर्जिकल स्ट्राइक पूरी तरह से आफिशियल थी और सबकुछ रिकॉर्ड में था। यदि कोई गड़बड़ी होती तो इसकी जिम्मेदारी पीएम मोदी की होती क्योंकि इसे उनकी मंजूरी के बाद अंजाम दिया गया था।

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