नई दिल्ली: सीबीआई की विशेष अदालत ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 14,000 करोड़ रुपये के घोटाले में इलाहाबाद बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ऊषा अनंतसुब्रमण्यन को जमानत दे दी है। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में ही अदालत ने इस मामले में अनंतसुब्रमण्यन के खिलाफ अभियोजन के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी को संज्ञान में लिया था।
विशेष न्यायधीश जेसी जगदाले की अदालत में हुई थी पेश
एक प्रक्रिया के अंतर्गत जब कोई अदालत प्रतिबंधों पर संज्ञान लेती है, तो आरोपी को अदालत में पेश होने के लिए समन किया जाता है। इसके बाद ही आरोपी जमानत के लिए गुहार लगा सकता है। इन्हीं नियमों के अनुरुप अनंतसुब्रमण्यन विशेष न्यायधीश जेसी जगदाले की अदालत में पेश हुईं और उन्होंने जमानत के लिए अपील दाखिल की। इसके बाद अदालत ने उनकी जमानत को मंजूरी दे दी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि सरकार ने बीते 14 अगस्त को अनंतसुब्रमण्यन को बर्खास्त कर दिया था।
तीन महीने पहले अनंतसुब्रमण्यन से छीन लिए गये थे अधिकार
करीब तीन महीने पहले ही इलाहाबाद बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ के तौर पर अनंतसुब्रमण्यन की शक्तियों को वापस ले लिया गया था। इलाहाबाद बैंक में प्रबंध निदेशक एवं सीईओ बनने से पहले ऊषा अनंतसुब्रमण्यन पंजाब नेशनल बैंक की प्रबंध निदेशक और सीईओ भी रही थीं। पीएनबी में 14,000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले के सीबीआई की ओर से दायर आरोप पत्र में उनका नाम भी शामिल है।
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नीरव मोदी और मेहुल चोकसी मुख्य आरोपी
गौरतलब है डायमंड ज्वैलर्स नीरव मोदी एवं उनके चाचा मेहुल चोकसी जो कि गीतांजलि जेम्स के मालिक हैं पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी हैं और उन्होंने फर्जी एलओयू के जरिए विदेश से पैसों की निकासी की थी।