सांसद राजनाथ सिंह का रिपोर्ट कार्ड: विकास कार्यों पर फोकस

Update:2019-04-06 12:46 IST

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह यूपी की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं। अपने लंबे राजनीतिक कॅरियर के बाद पिछले लोकसभा चुनाव में पहली बार उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल विहारी वाजपेयी की परम्परागत संसदीय सीट लखनऊ की जिम्मेदारी संभाली और मोदी सरकार में गृह मंत्री बनने के बाद केन्द्र सरकार में दूसरे ताकतवर मंत्री बने।

महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही उनका अपने संसदीय क्षेत्र से लगातार नाता बना रहा और वह लगातार लखनऊ आते-जाते रहे। वह हर दो महीने के अन्तर के बाद अपने संसदीय सीट लखनऊ का दौरा करते रहे। बढ़ती जनसंख्या और भविष्य को ध्यान में रखकर राजनाथ सिंह बराबर विकास कार्यों पर नजरें टिकाए रहे। यही कारण है कि पूरे प्रदेश में जितना विकास संसदीय क्षेत्र लखनऊ का हुआ उतना शायद अन्य संसदीय क्षेेत्रों का न हुआ हो। फिर वो चाहे राजमार्ग-रिंग रोड हो, रेल मार्ग हो अथवा मेट्रो का काम ही क्यों न हो? अपने पांच साल के कार्यकाल में राजनाथ सिंह ने जल प्रदूषण की समस्या को निबटाने के साथ ही नगरीय अवस्थापना और वाटर वक्र्स पर भी फोकस किया। इसके अलावा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ सामाजिक सरोकारों से जुड़े दूसरे कार्यों पर भी ध्यान दिया।

सड़कों का जाल बिछाने की योजना

सांसद के तौर पर राजनाथ सिंह ने 24 हजार करोड़ से अधिक की धनराशि से 104 किलोमीटर लंबी आउटर रिंग, लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे, चारबाग स्टेशन सेकेंड इंट्री, गोमती नगर विश्वस्तरीय रेलवे टर्मिनस, मेट्रो सेवा स्मार्ट सिटी मिशन एवं एयर टर्मिनल टी-3 आदि कई अन्य कार्य कराए। लखनऊ की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए 5812 करोड़ की लागत से 104 किमी लम्बी 8 लेन की आउटर रिंग का काम शुरू किया गया। साथ ही 4700 करोड़ से लखनऊ-कानपुर न्यू ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास भी दो महीने पहले किया जा चुका है। कुकरैल में 1.5 किलोमीटर का फ्लाईओवर तथा लखनऊ-सुल्तानपुर राजमार्ग के चौड़ीकरण का काम चल रहा है जिसकी लागत 3332 करोड़ रुपए है। इसके अलावा 138 करोड़ रुपये से आईआईएम तिराहे तथा टेढ़ी पुलिया पर फ्लाईओवरों का निर्माण कार्य उनकी निधि से कराया जा रहा है।

रेल यात्रियों की सुविधाएं बढ़ीं

जहां तक रेल मार्ग की बात है तो 1800 करोड़ की लागत से चारबाग जंक्शन में विद्युत चालित सीढिय़ां, पांच लिफ्ट, दो अतिरिक्त प्लेटफार्म आदि का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा 1900 करोड़ की लागत से गोमतीनगर रेल टर्मिलन तथा 94 करोड़ की लागत से आलमनगर सेटेलाइट स्टेशन का निर्माण कार्य चल रहा है। यही नहीं, चारबाग जंक्शन में एक्सेलेटर लगवाने का काम भी इन्ही पांच सालों के कार्यकाल में करवाया गया। ऐशबाग, डालीगंज और सिटी स्टेशन को आधुनिक सुविधाओं से नवाजा गया है।

रेल के क्षेत्र में केन्द्र सरकार की ओर से धन की कमी नहीं होने दी गयी। यही कारण है कि मेट्रो का काम समय से पहले ही पूरा कर लिया गया और उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर का काम पूरा हो चुका है। रेल कार्य के साथ ही हवाई मार्ग से जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए अमौसी एयरपोर्ट में नए टर्मिनल का काम शुरू हो चुका है। बढ़ते जल प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए नमामि गंगा परियोजना में गोमती नदी को शामिल कराकर दौलतगंज सीवेज प्लांट को 2000 करेाड़ की परियोजना को प्रदूषण नियंत्रण प्लांट में शामिल कराने के अलावा 334 करोड़ से हैदर कैनाल पर एसटीपी निर्माण कार्य प्रारम्भ हो चुका है।

अवस्थापना सुविधाओं में इजाफा

राजनाथ सिंह के लखनऊ के विकास के प्रति चिंता का ही परिणाम रहा कि अवस्थापना सुविधाओं को लेकर भी काम किए गए। 188 करेाड़ की लागत से 25 किलीमीटर लंबी सडक़ों का निर्माण तथा 48 करोड़ की लागत से ज्योतिबा फूले पार्क में 600 वाहनों की अंडरग्राउन्ड पार्किंग का लोकर्पण राजनाथ सिंह के हाथों किया गया। इसके अलावा आलमनगर में 104 किलोमीटर सीवर लाइन का शिलान्यास किया गया। साथ ही सांसद निधि से 52 प्राथमिक विद्यालयों में शौचालय तथा 53 विद्यालयों में सममर्सिबल पम्पों को लगवाने का काम पहली बार किया गया।

प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत मिशन के तहत 11227 शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है जबकि 1387 व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके साथ ही नगर निगम अवस्थापना निधि तथा चौदहवें वित्त आयोग से मिले 202 करोड़ रुपये से बिजली, सडक़ व पेयजल आदि के कार्य कराए जा चुके हैं।

स्मार्ट सिटी योजना से मिली गति

केन्द्रीय गृह मंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र को स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल कराने के बाद इसके लिए 2053 करोड़ रुपये जारी कराए जिसके तहत लगातार काम जारी है। इसके अलावा लखनऊ संसदीय क्षेत्र के लोगों को आवास समस्या से निजात दिलाने के लिए सांसद राजनाथ सिंह ने भवन स्वामियों को गृहकर में छूट दिलाने तथा ब्याज माफी के लिए ओटीएस की सुविधा दिलाने का भी काम किया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वपूर्ण योजना आयुष्मान योजना के तहत केवल लखनऊ में ही एक लाख 54 हजार लोगों का चयन किया जा चुका है। जानकीपुरम में 2.63 करोड़ की लागत से 100 बेड के ट्रामा सेंटर का शिलान्यास राजनाथ सिंह के हाथों हाल में हुआ है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 5885 बेरोजगारों का रोजगार के लिए लखनऊ संसदीय क्षेत्र में चयन किया गया है जबकि उज्जवला योजना के तहत 105903 लाभार्थियों को इसका लाभ दिया जा चुका है।

सांसद निधि का शत-प्रतिशत खर्च

केन्द्रीय गृह मंत्री अपने संसदीय क्षेत्र के विकास को लेकर लगातार गंभीर रहे। यही कारण है कि जहां अन्य कई सांसदों की निधि का पूरा पैसा खर्च नहीं हो सका वहीं लखनऊ संसदीय क्षेत्र की सांसद निधि का शत-प्रतिशत खर्च किया गया। राजनाथ सिंह ने आचारसंहिता लगने के पहले करीब 35 परियोजनाओं का शिलान्यास कर सांसद निधि का पूरा धन खर्च करने में कोई कोताही नहीं की। उनकी सांसद निधि से 410 कार्य स्वीकृत हुए थे। 2592,32 लाख रुपए से 320 विकास कार्य पूरे कर लिए गए जबकि अन्य कार्यों को शिलान्यास के बाद पूरा किया जा रहा है।

आदर्श ग्राम बेती में अपेक्षित विकास नहीं

आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसद राजनाथ सिंह ने 2014-15 सरोजनीनगर क्षेत्र में बेती गांव को गोद लिया था मगर इस आदर्श गांव का उतना विकास नहीं हो पाया जितना विकास शहरी क्षेत्र का हुआ। गांव में जातिवाद अब भी हावी है। एक बस्ती सवर्णों की है तो दूसरी बस्ती दलितों की। कुछ क्षेत्र का तो विकास हुआ है, लेकिन दूसरा क्षेत्र उपेक्षित है। जातिवाद चरम पर है, उच्च वर्गो का इस क्षेत्र पर पूरा दबाव है। कई लोग गांव से पलायन कर चुके है। गांव में बिजली आने-जाने का कोई समय नहीं है। गांव में तारों के लिए खम्भे तक नहीं है। बल्लियों के सहारे तारों को दौड़ाया गया है। गांव में दसवीं के बाद स्कूल न होने के कारण कई लड़कियोंं को अपनी पढ़ाई छोडऩी पड़ी है।

वर्ल्ड क्लास सिटी बनाने की कोशिश

आचारसंहिता लागू होने के पूर्व हाल ही में एक शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान स्थानीय सांसद के तौर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं कभी वादा नहीं करता। काम करता हूं। इसलिए मेरी कोशिश है कि लखनऊ में वे सभी सुविधाएं हों जो एक वर्ल्ड क्लास शहर में होती हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण में भी तेजी से काम हो रहा है। आउटर रिंग रोड, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मेट्रो, सीजी सिटी, वल्र्ड क्लास गोमतीनगर और चारबाग रेलवे स्टेशन, हरे-भरे पार्क, नालियां और सडक़ें लखनऊ के विकास की नयी कहानी लिखेंगे।

अब एक बार फिर यूपी की ऐतहासिक संसदीय सीट लखनऊ से राजनाथ सिंह अपने विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच उतरे है। देखना है कि उनके इन विकास कार्यो को लेकर जनता संतुष्ट है या असंतुष्ट। इसका फैसला तो 23 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा।

ग्रामीण क्षेत्र के लोग संतुष्ट नहीं

गोमतीनगर में रह रहे एक रिटायर्ड अधिकारी का कहना है कि वैसे तो लखनऊ के विकास की गति 20 वर्ष पूर्व अटल विहारी वाजपेयी के समय से ही शुरू हो गयी थी, लेकिन बीच में कुछ राजनीतिक टकराव के चलते विकास कार्य रुक गया। लेकिन पिछले पांच साल मेें विकास ने गति पकड़ी है। इसी तरह चिनहट में रहने वाले एक बीपीएल कार्डधारक रामदयाल का कहना है कि अब जीवन में बदलाव तो दिखने लगा है, उज्जवला योजना के साथ ही स्वास्थ्य बीमा का भी लाभ मिला है।

लखनऊ संसदीय सीट के ग्रामीण क्षेत्र के लोग सांसद से असंतुष्ट दिखते है। उनका कहना है कि बिजली की हालत अभी भी बेहतर नहीं हो पाई है। योजनाओं का लाभ केवल सवर्णों को ही मिल पा रहा है। गोद लिए गांव बेती के लोग भी बताते हैं कि रोजगार की कमी के चलते कई लोग पलायन कर चुके हैं। गांव में जातिवाद अभी भी चरम पर देखने को मिल रहा है।

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