जानिए सुंदरकाण्ड की इन चौपाइयों में छिपा है दस रिश्तों का राज

Update:2018-09-28 14:40 IST

श्री रामचरित मानस के सुंदरकांड में जीवन की सुंदरता के वो पहलू छिपे है जिनकों आत्मसात करने के बाद जीवन सुगंधमय हो जाता है। वैसे तो पूरे रामचरित मानस की महिमा का वर्णन कर पाना तो बहुत सरल नहीं है फिर भी मानस मर्मज्ञों ने तो मानस के दोहे चौपाइयों के तत्वसार का वर्णन कर जीवन की कठिनाइयों लिए सुलभ मार्ग प्रस्तुत किया है।आज हम लोग मानस के ह्रदय सुंदरकांड के उन चौपाइयों के बारे में जानते हैं जो जीवन के दस रिश्तों के बारे बतातें है कि ये दस रिश्तें व्यक्ति को सफलता के शिखर पर पहुंचा देते हैं। सुंदरकाण्ड में हर इंसान के लिए इन दस रिश्तों की सफलता का दृढ़ माध्यम बताया गया है।

यह भी पढ़ें .....जानिए विवाह पंचमी पर्व का महत्व, इस दिन करते हैं रामचरित मानस का अधूरा पाठ

भगवान् श्री रामजी ने विभीषणजी को कहा है कि नौ जगह मनुष्य की ममता रहती है, माता, पिता, भाई, पुत्र, स्त्री, शरीर, धन, घर, मित्र और परिवार में, जहाँ जहाँ हमारा मन डूबता है वहाँ वहाँ हम डूब जाते हैं। इन सब ममता के धांगो को बट कर एक जीवन एक रस्सी बना है।

जननी जनक बंधु सुत दारा, तनु धनु भवन सुहृद परिवारा।

सब के ममता ताग बटोरी, मम पद मनहि बाँध बरि डोरी।

जानिए सुंदरकाण्ड की इन चौपाइयों में छिपा है दस रिश्तों का राज

यह भी पढ़ें .....श्री राम शलाका प्रश्नावली : अक्षर पर रखिये उगली और जानिए कार्य का फल

यहां संकेत यही है की हर इंसान के जीवन में यहाँ बताये दस रिश्ते अहम है।जिनके बिना जीवन संपूर्ण नही माना जाता है।इनसे सही तालमेल और संतुलन होने पर हर इंसान चिंता,डर और दुखो से दूर होता है।

Tags: