सुलतानपुर: देश भर में शुक्रवार को विजयादशमी पर्व पर रावण जलाया गया। लेकिन यूपी के सुलतानपुर में एक जगह ऐसी भी है जहां दशहरे से पूरे 20 दिन बाद जलाया जाता है। ये परम्परा पूरे नौ दशकों से चलती आ रही।
भदैया ब्लाक के विकवाजिदपुर गांव का है मामला
वैसे तो सुल्तानपुर में जिला मुख्यालय, तहसील मुख्यालय और ब्लॉक मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्र में 15 से अधिक रावण का दहन विजयादशमी के दिन होता है। पर भदैया ब्लाक के विकवाजिदपुर गांव में रावण का दहन दशहरे के लगभग 20 दिन बाद किया जाता है। दीपावली के पूर्व आने वाले रविवार को यहां के लोग मिल-जुलकर रावण का दहन करते हैं। इससे पूर्व रामलीला का मंचन होता है, जिसमें पूरे गांव के लोग एकजुट होते हैं।
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15 से अधिक मंचन की तैयारी में लोग आर्थिक और शारीरिक सहयोग एवं सामाजिक भागीदारी निभाते हैं। इसके साथ रामलीला के मंचन से जीवन में सीख लेने का संकल्प लेते हैं। सौहार्द का प्रतीक रामलीला मंचन विजयादशमी के दिन इस गांव के लोग एकत्र नहीं हो पाते थे इसलिए सब ने 93 साल पूर्व यह तय किया कि वे दीपावली के पूर्व रामलीला का मंचन कराते हुए बुराई के प्रतीक रावण का दहन करेंगे। भगवान राम के राज्याभिषेक का पर्व दीपावली धूमधाम से मनाएंगे, 93 साल से ये रीति आज तक चलती चली आ रही है।