स्मृति के बिगड़े बोल: ग़रीब के 1 महीने के खर्च की कीमत बताई इस नेता के जूते के बराबर
आप सब ये संकल्प लेकर यहां पधारे हैं के दुर्गत जो अमेठी की होती रही अब वो विकास में बदलेगी। जब जनता जनार्दन 6 तारीख को पोलिंग बूथ पर जायेगी कमल का बटन दबायेगी और मोदी की जीत में एक कमल की फूल अमेठी से भी जायेगी।
असगर नकवी
अमेठी: 2014 की हार को जीत में बदलने के लिए स्मृति ईरानी की जुबान पर बड़बोले बोल सामने आने लगे हैं। मंगलवार को पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन में उनके बोल बिगड़ गए और कहा जो लोग वातानुकूलित गाड़ियों में घूमते हैं, जिन लोगों के जूते इतने महंगे होते हैं की ग़रीब के महीने का खर्चा उससे निकल आए उनको अमेठी ने वोट देकर सत्ता के सिंहासन पर बैठाया। स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि और अमेठी का ग़रीब बिना किसी चप्पल के तपती धूप में वर्षों तक चलता रहा।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने संबोधन में आज एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोला आए हुए प्रमुख, प्रधानों और बीडीसी को संबोधित करते हुए कहा कि मैं पूछना चाहती हूं कांग्रेस में क्या संभव है के एक व्यक्ति गांव से अपनी राजनीति शुरू करे और देश का प्रधानमंत्री बन जाए?
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ये संभावना भारतीय जनता पार्टी में ही है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी वोटर के लिए काम करती है वोट के लिए नहीं। फिर मंच पर बैठे योगी सरकार के मंत्री मोती सिंह की ओर उन्होंने इशारा करके कहा कि आज मोती सिंह जी स्वयं एक बहुत बड़ा उदाहरण बनके बैठे हैं। अंत में उन्होंने कहा कि अमेठी का ये लोकसभा चुनाव किसी संग्राम से कम नहीं। अमेठी का ये लोकसभा चुनाव किसी संघर्ष से कम नहीं। अमेठी का ये लोकसभा चुनाव आपके, आपके गांव, आपके बच्चों के भविष्य का चुनाव है|
आप सब ये संकल्प लेकर यहां पधारे हैं के दुर्गत जो अमेठी की होती रही अब वो विकास में बदलेगी। जब जनता जनार्दन 6 तारीख को पोलिंग बूथ पर जायेगी कमल का बटन दबायेगी और मोदी की जीत में एक कमल की फूल अमेठी से भी जायेगी।
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उल्लेखनीय है कि यहां मीडिया से बात करते हुए स्मृति ने कहा कि ये तो बच्चा-बच्चा जानता है कि प्रधानमंत्री कितना काम करते हैं। "उन्होंने ये भी कहा कि अगर राहुल जितना ध्यान प्रधानमंत्री पर देते है अगर उससे आधा ध्यान अमेठी पर देते तो आज अमेठी का ये हाल नही होता।" वायनाड से पर्चा भरने पर उन्होंने फिर तंज कसा कहा के वायनाड से पर्चा भरने के बाद अमेठी को अपनी दूसरी प्रिफेन्स दिखाने वाले राहुल जी जो पधार रहे हैं अमेठी उनके संदर्भ में इतना ही कहना चाहूंगी के आपने अमेठी की जनता को संदेश संकेत दे ही दिया के अमेठी आपकी पहली च्वाइस नहीं। क्योंकि पहला पर्चा आपने वायनाड से भरा।
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