सपा-बसपा गठबंधन ने बलिया से सनातन पांडेय को उतारा मैदान में
वहीं कुछ मतदाताओं का कहना है कि सपा के साथ जो राजपुत वोटबैंक था सनातन पान्डेय के आने से कहीं भाजपा के तरफ न चला जाय ।सनातन पान्डेय के आने से भाजपा का जो ब्राम्हण वोट बैंक था सपा उसमे सेंन्ध मारी कर सकती हैं|
गाजीपुर: बलिया लोकसभा से प्रत्याशी के तौर पर सनातन पांडेय को मैदान में उतारकर आखिरी वक्त में सपा-बसपा गठबंधन ने अटकलों पर विराम लगा दिया।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक सनातन पांडेय व राज्यसभा सांसद नीरज शेखर की पत्नी सुषमा शेखर के ऊपर चर्चा चल रही थी। लेकिन आखिरी वक्त में पार्टी ने बड़ा दाव खेलते हुए चिलकहर के पूर्व विधायक सनातन पांडेय को सपा बसपा गठबंधन का प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतार दिया।
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अब देखना है की जातिगत समीकरण को देखते हुए पार्टी ने पूर्व विधायक सनातन पांडेय को मैदान मे उतारा है। उसमे कितना कामयाब होती है पार्टी सूत्रों के मुताबिक अगर पार्टी ने सुषमा शेखर को प्रत्याशी बनाती तो वीरेंद्र सिंह मस्त का जीतना तय था। क्योंकि यहां के राजपूत नीरज शेखर को पसंद नहीं करते है वहीं पार्टी सूत्रों की माने तो सनातन पांडेय को टिकट मिलने से यादवों के साथ साथ ब्राह्मणों व राजपूतों का भी लाभ मिल सकता हैं।
वहीं बसपा का वोट बैंक भी साथ हैं अब देखना हैं कि क्या इस बार भी भाजपा का परचम लहराता है, या चिलकहर बिधानसभा से 2007मे बिधायक रहे सनातन पांडेय इस सीट से सांसद चुन कर दिल्ली जाते है। ये तो अब यहां के मतदाता तय करेंगे वैसे तो इस सीट पर मुकाबला काटें का हो गया है।
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वहीं कुछ मतदाताओं का कहना है कि सपा के साथ जो राजपुत वोटबैंक था सनातन पान्डेय के आने से कहीं भाजपा के तरफ न चला जाय। सनातन पांडेय के आने से भाजपा का जो ब्राम्हण वोट बैंक था सपा उसमे सेंन्ध मारी कर सकती हैं|