वाराणसी से तेज बहादुर की उम्मीदवारी रद्द, जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से सपा प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करने वाले बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव के लोकसभा चुनाव लड़ने के सपने पर पानी फिर गया है।

Update: 2019-05-01 08:59 GMT

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से सपा प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करने वाले बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव के लोकसभा चुनाव लड़ने के सपने पर पानी फिर गया है। निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी किए गए दो नोटिसों का जवाब देने बुधवार दोपहर 11 बजे तेज बहादुर यादव अपने वकील के साथ आरओ से मिलने पहुंचे। तेज बहादुर के वकीलों ने बुधवार की सुबह दिल्ली स्थित चुनाव आयोग के दफ्तर में अपना जवाब और साक्ष्य उपलब्ध करा दिया।

अब इसके बाद तेज बहादुर यादव सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।

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जिसके बाद निर्वाचन अधिकारी तेज बहादुर के नामांकन पत्र को खारिज कर दिया। अब शालिनी यादव सपा की तरफ से चुनावी मैदान में मोदी को टक्कर देंगी। नामांकन पत्र के नोटिस के जवाब देने के दौरान तेज बहादुर के समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई, जिसके बाद पुलिस ने समर्थकों को कचहरी परिसर से बाहर कर दिया।

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इस बीच तेज बहादुर यादव ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए। तेज बहादुर यादव के मुताबिक बीजेपी उन्हें चुनाव नहीं लड़ने देना चाहती है। इसके लिए हर हथकंडे लगाए जा रहे हैं। उनके मुताबिक जिस वक्त उनके वकील दिल्ली में चुनाव आयोग के दफ्तर में साक्ष्य सौंप रहे थे, वहां पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मौजूद थे। उसने आरोप लगाया कि मेरी दावेदारी से वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घबराए हुए हैं, इसलिए मुझे रोकने की कोशिश की जा रही है।

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आपको बता दें कि मंगलवार को दोपहर में रिटर्निंग ऑफिसर ने तेज बहादुर यादव को नोटिस भेजकर बुधवार की सुबह जवाब मांगा था। नोटिस के तहत तेज बहादुर की बर्खास्ती को लेकर सवाल उठाए गए थे। तेज बहादुर ने दो बार नामांकन किया था। दोनों ही बार हलफनामे में नौकरी से बर्खास्तगी को लेकर अलग-अलग सवाल उठाए गए थे।

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