गेस्ट हाउस कांड में माया के खिलाफ मुख्य भूमिका निभाने वाला बना BSP प्रत्याशी, कार्यकर्ता बोले- इसे हटाओ

बसपा अपने सभी प्रत्याशियों के टिकट की घोषणा कर बाकी सभी दलों से आगे दिख रही है। मगर इस टिकट बंटवारे में उससे बड़ी भूल हो गई है। इस टिकट के लिए स्थानीय स्तर पर विरोध भी शुरू हो गया है और बसपा के विधानसभा महासचिव के साथ-साथ सेक्टर अध्यक्षों ने बसपा सुप्रीमो मायावती को पत्र लिखकर उनसे पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। बसपा प्रत्याशी पर कार्यकताओं का आरोप है कि वह बतौर सिटी मजिस्ट्रेट की हैसियत से मायावती के साथ हुए चर्चित गेस्ट हाउस कांड में षड्यंत्रकारियों के साथ मुख्य भूमिका में थे और उन्होंने ही गेस्टहाउस की लाइट गुल कराने का काम किया था।

Update:2017-01-12 20:23 IST

बाराबंकी: बसपा अपने सभी प्रत्याशियों के टिकट की घोषणा कर बाकी सभी दलों से आगे दिख रही है। मगर इस टिकट बंटवारे में उससे बड़ी भूल हो गई है। इस टिकट के लिए स्थानीय स्तर पर विरोध भी शुरू हो गया है और बसपा के विधानसभा महासचिव के साथ-साथ सेक्टर अध्यक्षों ने बसपा सुप्रीमो मायावती को पत्र लिखकर उनसे पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। बसपा प्रत्याशी पर कार्यकताओं का आरोप है कि वह बतौर सिटी मजिस्ट्रेट की हैसियत से मायावती के साथ हुए चर्चित गेस्ट हाउस कांड में षड्यंत्रकारियों के साथ मुख्य भूमिका में थे और उन्होंने ही गेस्टहाउस की लाइट गुल कराने का काम किया था।

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बसपा के टिकट बंटवारे की यह भारी भूल है बाराबंकी जनपद की कुर्सी विधानसभा सीट पर। यहां बसपा ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी.पी.सिंह वर्मा को प्रत्याशी बनाया है। जिनका विरोध अब शुरू हो गया है और विरोध भी वह लोग कर रहे है जो बसपा के लिए बूथ जिताने का काम करते हैं। यहां इस विधानसभा के बसपा महासचिव और सेक्टर अध्यक्षों ने बसपा प्रमुख मायावती को पत्र लिखकर उनसे प्रत्याशी बदलने की गुहार की है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि घोषित प्रत्याशी बी.पी.सिंह वर्मा दलित विरोधी मानसिकता के हैं और उनके संबंध दूसरे दलों के नेताओं से रहे हैं।

कार्यकर्ताओं ने बी.पी.सिंह वर्मा पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि वह पूर्व केंद्रीय मंत्री और समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता बेनी प्रसाद वर्मा के काफी करीब रहे हैं। बेनी की कृपा से ही वह बाराबंकी में काफी समय तक मुख्य विकास अधिकारी के पद पर तैनात रहे और मायावती के खिलाफ हुए सबसे चर्चित गेस्ट हाउस कांड में भी विरोधियों की ओर से मुख्य भूमिका में रहे थे। इस चर्चित कांड के दौरान बी.पी.सिंह वर्मा ने ही लखनऊ में बतौर सिटी मजिस्ट्रेट गेस्ट हाउस की बिजली काटी थी।

बसपा कार्यकर्ताओं ने जोनल कोऑर्डिनेटर लालजी वर्मा पर निशाना साधते हुए कहा कि लालजी वर्मा ने मायावती को अंधेरे में रखकर बी.पी. सिंह की सच्चाई छुपाते हुए उन्हें टिकट दिलवाने का काम किया। स्थानीय कार्यकर्ताओं ने अपने आप को बसपा का सच्चा सिपाही बताते हुए कुर्सी विधानसभा से प्रत्याशी बदलने की अपील की है। प्रत्याशी न बदलने की दशा में यह कार्यकर्ता बसपा प्रत्याशी के विरोध में वोट डलवाने का काम करेंगे।

इस दौरान आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने बी.पी. सिंह वापस जाओ के नारे भी लगाए। जब Newstrack.com के रिपोर्टर ने प्रत्याशी बी.पी. सिंह और बसपा जिलाध्यक्ष सुरेश गौतम से जानकारी करनी चाही तो उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

 

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क्या है गेस्ट हाउस कांड?

बीएसपी सुप्रीमो मायावती 2 जून 1995 की उस घटना को जिंदगी भर नहीं भूल सकतीं। उस दिन कुछ भी कर गुजरने के उन्माद के साथ भीड़ सबक सिखाने के नाम पर मायावती पर हमला करने को आमादा थी। उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ही थे। मायावती का आरोप है कि उस उन्मादी भीड़ के पीछे भी सपा सुप्रीमो का ही हाथ था।

मायावती क्यों थी निशाने पर

साल 1993 में सपा-बीएसपी के बीच चुनावी समझौता हुआ था। चुनाव में इस गठबंधन की जीत हुई थी। इसके बाद मुलायम सिंह यादव राज्य के मुख्यमंत्री बने। फिर आपसी मनमुटाव की वजह से 2 जून, 1995 को बीएसपी ने सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा कर दी। बीएसपी की ओर से इस घोषणा के वक्त मायावती, मीराबाई मार्ग स्थित गेस्ट हाउस में ठहरी हुई थीं। समर्थन वापस लेने के कारण मुलायम सिंह की सरकार अल्पमत में आ गई। नाराज सपा कार्यकर्ताओं और विधायकों ने स्टेट गेस्ट हाउस पर हमला बोल दिया था।

बीजेपी विधायक ने बचाया था

मायावती स्टेट गेस्ट हाउस के कमरा नंबर-1 में ठहरी हुई थीं। उस समय अपनी जान पर खेलकर उन गुंडों से अकेले भिड़े थे बीजेपी विधायक ब्रम्हदत्त द्विवेदी। उन्होंने गेस्टहाउस का दरवाजा तोड़कर मायावती को बाहर निकाला था। मायावती इसके लिए लगातार उनका शुक्रिया अदा करती रही हैं। यहां तक कि बीजेपी से रिश्ते तोड़ने के बावजूद वह कई बार ब्रह्मदत्त द्विवेदी की तारीफ कर चुकी हैं।

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