लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने जब राज्यसभा से इस्तीफा दिया तो उनकी राजनीतिक तिजोरी में बंद 'पोलिटिकल प्लानिंग' पर कयासबाजी शुरू हो गई। विरोधियों को जवाब देने की अपनी उसी योजना से बसपा नेत्री ने अब पर्दा उठा दिया है। देश और प्रदेश की राजनीति में पार्टी अपने परंपरागत चुनावी कारीगरी से इतर नए प्रयोग करने मैदान में उतर रही है। हर महीने की 18 तारीख को मंडल स्तरीय सम्मेलन होंगे।
सम्मेलनों का यह सिलसिला विधानसभा स्तरीय सम्मेलनों तक जारी रहेगा। इसमें बसपा मुखिया खुद मौजूद रहेंगी और राज्य सभा में दलितों पर नहीं बोलने देने के कारण दिए गए इस्तीफे की पार्टी के बेस वोट बैंक को याद दिलाती रहेंगी। उनके बयान के मुताबिक उन्होंने देश की 85 फीसदी आबादी को सरकार के शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए यह अभियान शुरू किया है।
हर महीने की 18 तारीख को सम्मेलन: प्रदेश में हर महीने की 18 तारीख़ को एक स्थान पर दो मण्ड़लों को मिलाकर 'मण्ड़ल-स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन' होगा। इसके पूरा होने के बाद हर माह की 18 तारीख़ को विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन शुरू किया जाएगा। यह कार्यक्रम सभी 18 मण्डलों की केवल एक-एक विधानसभा में होगा। मायावती इन कार्यक्रमों में खुद मौजूद रहेंगी।
पहले 18 अगस्त से होना था प्रोग्राम: मायावती ने एक बयान जारी कर कहा है कि पहले वह यह प्रोग्राम 18 अगस्त से शुरू करना चाहती थी, लेकिन पूरे अगस्त के महीने तक बरसात होने की वजह से यह कार्यक्रम 18 सितम्बर से शुरू किया जाएगा।
आगे की स्लाइड में जानिए क्या है मायावती का कहना
18 जुलाई को दिया इस्तीफा, इसलिए 18 को ही सम्मेलन: मायावती ने साफ किया है कि यूपी में दो लेबल पर प्रोग्राम 18 तारीख़ को ही तय किये गए हैं क्योंकि इसी दिन यानि 18 जुलाई को उन्होंने राज्यसभा के पद से इस्तीफा दिया है। जिसे पार्टी के लोग आसानी से भुलाना नहीं चाहते हैं।
यूपी में भाजपा को चैन से नहीं बैठने देंगी मायावती: रविवार को दिल्ली स्थित अपने सरकारी आवास पर पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में मायावती भाजपा पर खूब बरसीं। उन्होंने कहा कि सदन में सहारनपुर में दलितों के उत्पीड़न की आवाज दबाने का प्रयास हुआ। इसलिए 18 जुलाई को राज्यसभा के पद से इस्तीफा देना पड़ा। मायावती ने बयान जारी कर यह कहा है कि पार्टी भाजपा को देश व प्रदेश में चैन से नहीं बैठने देगी। सरकार की गलत नीतियों का पर्दाफाश करेगी। लोगों को संगठित करेगी ताकि लोग भाजपा व एनडीए को सत्ता से बाहर कर सकें।
और क्या-क्या होंगे काम
-इस बीच मायावती यूपी के साथ अन्य प्रदेशों का भी दौरा करेंगी।
-दूसरे राज्यों में धरना-प्रदर्शन के लिए कार्यकर्ताओं को निर्देश जारी।
-भाजपा तानाशाह पार्टी बन चुकी है। 85 फीसदी जनता का उत्पीड़न हो रहा है।
-जनता को इससे बचाने के लिए बसपा ने यह अभियान छेड़ा है।